आजम खान मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 15 जुलाई तक अंतिम आदेश पर रोक

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री और सांसद मोहम्मद आजम खान और अन्य से जुड़े 2016 के जबरन बेदखली मामले की समेकित सुनवाई में अंतिम आदेश पारित करने पर रोक गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान  आगामी 15 जुलाई तक बढ़ा दी है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल द्वारा मामले में निर्देश प्राप्त करने और कुछ दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय की मांग करने पर पारित किया।

मालूम हो कि कोर्ट ने इससे पहले हुई सुनवाई में मामले में अंतिम फैसला सुनाए जाने पर 3 जुलाई तक रोक लगाई थी, क्योंकि मामले में सह-आरोपी द्वारा दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि ट्रायल कोर्ट जून में ही सुनवाई पूरी करना चाहता है। मौजूदा मामला 15 अक्टूबर 2016 की घटना से संबंधित है, जिसमें रामपुर स्थित यतीम खाना, वक्फ संख्या 157 नामक वक्फ संपत्ति पर अनाधिकृत संरचना को ध्वस्त करना शामिल था।

बता दें कि गत वर्ष अगस्त में रामपुर के विशेष न्यायाधीश ने 2019 और 2020 के बीच दर्ज कुल 12 एफआईआर को एक ही मुकदमे में शामिल कर दिया था। एक अन्य घटनाक्रम में एक अलग पीठ ने निर्देश दिया कि आजम खान और उनके सहयोगी वीरेंद्र गोयल द्वारा इसी मामले के संबंध में दाखिल की गई नई याचिका को सहयोगी द्वारा दाखिल की गई पिछली याचिका के साथ संलग्न किया जाए। वर्तमान याचिका में आजम खान और सह अभियुक्त गोयल ने ट्रायल कोर्ट के 30 मई 2025 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 12 प्राथमिकियों में मुखबिर और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी सहित अभियोजन पक्ष के गवाहों को वापस बुलाने और रामपुर में यतीम खाना और वीडियोग्राफिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के उनके अनुरोधों को खारिज कर दिया गया था। याचियों का तर्क है कि वीडियोग्राफिक फुटेज घटनास्थल से उनकी अनुपस्थिति को साबित कर सकते हैं, जिससे समेकित परिक्षण में अभियोजन पक्ष के दावों को खारिज किया जा सकता है।

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