लखनऊ : आदेश ने घुमाया, गृहकर समायोजन में कर दिया खेल
बुजुर्ग फरियादी बोले, 13 साल से लगा रहे चक्कर, अधिकारी कर रहे परेशान
लखनऊ, अमृत विचार। नगर निगम मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित समाधान दिवस में 70 वर्षीय रूप नारायण तिवारी हर बार की तरह चक्कर लगाते दिखे। बताया कि बरौरा हुसैनबाड़ी में पत्नी बटोली तिवारी के नाम मकान है। वर्ष 2024 में जीआईएस सर्वे से मकान का 2203.20 रुपये गृहकर लगाया गया और 10 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया।
उन्होंने 10 हजार से अधिक रुपये जमा कर दिए। शेष धनराशि वर्ष 2025 में समायोजन करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन, ऐसा न करके वर्ष 2025 में गृहकर बढ़ाकर 6 हजार रुपये वार्षिक कर दिया। अचानक तीन गुना बढ़े गृहकर की शिकायत की तो हवाला यह दिया कि पिछले निस्तारण में बढ़ी धनराशि छूट गई थी। इस अनुसार 2 हजार रुपये और जमा करना पड़ेगा। इस बकाया 2 हजार रुपये पर भी ब्याज लगेगा। जबकि उनकी जमा अतिरिक्त धनराशि समायोजित नहीं की गई। कितनी धनराशि जमा की और कितनी बकाया है यह स्पष्ट नहीं किया है।
बताया कि गृहकर मूल्यांकन का यह प्रकरण करीब 13 साल से चल रहा है। एक आदेश के अनुसार पूर्व में 10-10 घरों की जांच करके गृहकर का निर्धारण होना था। लेकिन, जांच में मकानों का आवासीय व व्यावसायिक एरिया नहीं दिखाया गया। बल्कि आदेश घुमाकर दर्शा दिया। इससे स्थिति साफ नहीं हो पा रही है और मनमाना गृहकर मूल्यांकन व ब्याज लगा रहे हैं।
फ्लैट का 5,670 से 32,035 किया गृहकर
चारबाग स्थित स्टेशन रोड से आए अशोक कुमार ने बताया कि उनका 1500 स्क्वायर फीट का फ्लैट है। उसके ऊपर एक फ्लोर और बनाया है। दोनों फ्लोर का 5,670 रुपये वार्षिक गृहकर जमा करते हैं। वर्ष 2020 तक संपूर्ण भुगतान कर दिया था। इसके बाद गृहकर बढ़ाकर 32,035 रुपये वार्षिक कर दिया। बकाया और ब्याज समेत कुल 1,15,350 रुपये जमा करने का नोटिस जारी कर दिया। जबकि अगल बगल के एक तर्ज पर बने फ्लैट का 2,835 वार्षिक गृहकर लगाया गया है।
गृहकर निर्धारण में भेदभाव का आरोप, नोकझोंक
समाधान दिवस में जानकीपुरम् सेक्टर एफ निवासी मुकेश सैनी बढ़ा आवासीय गृहकर ठीक कराने पहुंचे। उन्होंने आसपास के मकानों का गृहकर न बढ़ने की बात कहकर भेदभाव का आरोप लगाया और हंगामा किया। कर्मियों से नोकझोंक हुई। बताया कि 1500 स्क्वायर फीट का मकान है। इसका वार्षिक गृहकर 2280 रुपये जमा करते थे। जो जीआईएस सर्वे में बढ़ाकर 6 हजार रुपये कर दिया। समाधान दिवस में दूसरी बार आए हैं और निस्तारण न करने की बजाय घुमाया जा रहा है। अफसरों ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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