पीड़िता के कपड़े उतरवाना भी दुराचार का ही प्रयास, हाईकोर्ट ने दोषी की दस साल सजा को रखा बरकरार

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के प्रयास के एक मामले में अभियुक्त को सत्र अदालत से मिली सजा को बरकरार रखते हुए कहा है कि पीड़िता के कपड़े उतारना दुराचार का प्रयास ही है। यह निर्णय न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की एकल पीठ ने प्रदीप कुमार उर्फ पप्पू उर्फ भूरिया की अपील को खारिज करते हुए दिया। 

मामला अलीगंज थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2004 में एफआईआर दर्ज कराते हुए पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि उसकी 16 साल की बेटी को अभियुक्त बहला-फुसला कर भगा ले गया है। दौरान विवेचना पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया, पीड़िता ने भी अपने बयान में अभियुक्त पर जबरन उसे ले जाने व रिश्तेदार के घर 20 दिनों तक रखने तथा उसके कपड़े उतार के दुराचार करने के प्रयास की बात कही। 

सत्र अदालत ने अभियुक्त को दस साल कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं, अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि पीड़िता व अभियुक्त के पहले से प्रेम सम्बंध थे। यह भी कहा गया कि अभियोजन के आरोप यदि सिर्फ बहस के लिए मान भी लिया जाए तो अभियुक्त पर सिर्फ कपड़े उतारने का आरोप है।

इसे लज्जा भंग का अपराध माना जा सकता है, लेकिन दुराचार के प्रयास का नहीं। कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया व कहा कि पीड़िता के बयान से स्पष्ट है कि अभियुक्त ने उसके कपड़े उतारे। लेकिन उसके विरोध के चलते वह शारीरिक सम्बंध नहीं बना सका। लिहाजा अभियुक्त के इस कृत्य को दुराचार का प्रयास ही माना जाएगा।

एफएसएल रिपोर्ट आते ही दाखिल होगी चार्जशीट

इंस्पेक्टर ने बताया कि घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम से साक्ष्य जुटाए थे। इसके साथ ही आरोपी के पास से बरामद चाकू व खून लगे कपड़ों को विधि विज्ञान प्रयाेगशाला भेजा गया है। एफएसएल की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम की मूल कॉपी आने के बाद जल्द से जल्द मामले में चार्जशीट लगायी जाएगी। केस की वादी व चश्मदीद (पूनम), मृतक की बहू, किराएदार व पड़ोसियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पूरा प्रयास रहेगा कि गंभीर अपराध में कोई भी साक्ष्य न छूट जाए।

भाइयों ने की सुरक्षा की मांग

भाई रोहन ने पुलिस को बताया कि बहन पूनम सरकारी शिक्षिका है। कई किलोमीटर दूर स्कूल जाना होता है। दोनों भांजे भी स्कूल आते-जाते हैं। भाई ने पुलिस से कहा कि बहन केस की चश्मदीद है। आरोपी जगदीप जेल चला गया, लेकिन उसके दोस्त, परिवार व रिश्तेदार भी हैं। लिहाजा बहन व भांजों की जान का खतरा है। भाई ने सुरक्षा की मांग की है। पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

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