अमृत विचार आपके द्वारः सड़क के दोनों किनारों पर बना रखी है पार्किंग, निकल सको तो निकलो... BBD वार्ड के उदयगंज चौराहे का बुरा हाल, देखें वीडियो
चारबाग से तेजी में आते हैं आटो, होती हैं दुर्घटनाएं
लखनऊ, अमृत विचार : बाबू बनारसी दास वार्ड के उदयगंज का चौराहा हो या तिराहा, दोनों तरफ वाहनों की पार्किंग मिलेगी ही। जिसने जहां चाहा अपने वाहन पार्क कर दिए और चलता बना। अब चारबाग केकेसी की ओर से आने वाले वाहन इन खड़ी गाड़ियों में टकरा जाएं जिम्मेदारों की बला से। आधी से ज्यादा सड़क पर बनी इस अवैध पार्किंग के बीच से ही लोगों को अपना रास्ता बनाना पड़ता है। निकल सकते हो तो निकलो नहीं तो कोई और मार्ग देखो। इन खड़ी गाड़ियों से अक्सर ऑटो, टेंपो टकराते हैं। लोग चोटिल होते हैं। यहां पर कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन वाहनों से जाम के हालात भी बनते हैं। उदयगंज तिराहे से कैंट रोड तक यातायात अराजकता सिर चढ़कर बोलती है। अराजकता बढ़ाने में बची कसर सड़क के दोनों ओर लगे नो वेंडिंग जोन के ठेले और सब्जियों की दुकानें पूरी कर देते हैं। लोगों का कहना है कि ठेले और सब्जियों की दुकानें रामलीला मैदान के पीछे खाली जगह पर शिफ्ट कर दी जाएं तो यातायाज अराजकता से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
भवन स्वामियों ने सड़क को ही बनाया पार्किंग स्थल
उदयगंज तिराहे से केकेसी जाने वाले मार्ग पर लाइन से भवन स्वामी वाहन खड़े कर देते हैं। सड़क के दोनों ओर वाहन खड़े होने से इस मार्ग पर उदयगंज तिराहे तक भीषण जाम लगता है। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र में आस-पास कोई पार्किंग नहीं है।
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सीवर चोक, नालियों में बहता है गंदा पानी
उदयगंज क्षेत्र में सीवर चोक है और गंदा पानी नालियों में बहता है। बारिश में स्थिति और खराब हो जाती है। शिकायत करने के बाद जलकल विभाग के कर्मचारी आते हैं और पम्प चलाकर सीवर खाली कर चल देते हैं। लेकिन सीवर की सफाई नहीं की जाती है। कुछ दिन बाद ही फिर सीवर सड़क और नालियों में बहने लगता है।
हमेशा गंदे पानी की आपूर्ति, जहां लगा आरओ वहीं से ढोते हैं पीने का पानी
चूड़ी वाली गली और आस-पास वाटर लाइन सप्लाई का पानी काफी गंदा आता है, जो पीने योग्य नहीं होता। शिकायत के बाद भी जलकल विभाग के अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि पीने का पानी जिनके यहां आरओ लगा है, वहां से लाना पड़ता है। सीवर और वाटर लाइन एक साथ पड़ी है, जिससे हमेशा पानी गंदा और बदबूदार आता है।
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नालियां सिल्ट से भरीं, सफाई करने नहीं आते कर्मचारी
उदयगंज के बुशरखाना मोहल्ले में सफाई व्यवस्था बहुत खराब है। यहां नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। नालियां साफ करने कभी कर्मचारी नहीं आते। कहने के बाद भी सफाईकर्मी नालियां नहीं साफ करते हैं। यही हाल छितवापुर भुइंयन वीरनगर हुसैनगंज का है। यहां न तो नालियों की सफाई होती है न सीवर की। जगह-जगह नालियां सिल्ट से चोक और भरी पड़ी हैं। जरा देर की बारिश में ही नालियों का गंदा पानी सड़क पर फैल जाता है।
झाड़ू लगाकर सड़क पर छोड़ देते हैं कूड़ा
उदयगंज क्षेत्र में झाड़ू लगाने के बाद सफाईकर्मी सड़क पर ही कूड़ा छोड़ देते हैं। दो तीन दिन तक कूड़ा नहीं उठता है। इससे कूड़ा नालियों में पहुंच जाता है। रविवार के दिन तो सफाईकर्मी आते ही नहीं हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लग जाते हैं। कई जगह तो लोग सड़क पर ही कूड़ा डाल रहे हैं। गंदगी में लारवा पनप रहे हैं जिनसे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।
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पुराने और जर्जर हत्थू ठेले से किसी तरह उठाया जाता है कूड़ा
उदयगंज में कई संकरी गलियों में बड़ी आबादी बसती है। यूं तो नगर निगम कई बार क्षेत्रों को नए हत्थू ठेले दिए जाने की बात करता है लेकिन सच यह है कि जर्जर ठेलों में किसी तरह कूड़ा ढोया जाता है। इन ठेलों में यह कूड़ा उठाते वक्त पड़ावघर तक पहुंचने के बजाय सड़क और गली पर गिरता हुआ जाता है। जो साफ हुए मार्ग को और गंदा कर देता है। कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन तक नहीं हैं। जर्जर हत्थू ठेलों से महिला सफाईकर्मी गलियों से कूड़ा उठा रही हैं। जबकि नगर निगम ने बड़ी मात्रा में नए हत्थू ठेले और ठेलिया खरीदी हैं। ये नए हत्थू ठेले और ठेलिया जाने कहां गायब हो गए।
आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक
उदयगंज की गलियों में आवार कुत्तों और बंदरों का आतंक है। आवारा कुत्ते कई लोगों को काट चुके हैं। लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद नगर निगम के कर्मचारी कहते हैं कि हम मरे जानवरी उठाते हैं कुत्ते नहीं। क्षेत्र में घनी आबादी होने के कारण बंदरों का भी खौफ है। लोगों ने इनसे बचाव के लिए घरों के बाहर की ओर सुरक्षा के लिए जो जालियां लगायी थी उन्हें बंदर तोड़ देते हैं। कई लोगों को बंदर काट भी चुके हैं। लेकिन शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती।
अमृत विचार आपके द्वार टीम: गोपाल सिंह, अमित पांडेय, छायाकार राजकुमार वाजपेयी
रीपोर्टर- मुस्कान दीक्षित
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