Cyber ​​fraud : ट्रेजरी बाबू बन भेजा लिंक फिर रिटायर्ड दरोगा के खाते से उड़ाए 4.61 लाख रुपये

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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पेंशन का झांसा देकर फंसाया, पीजीआई थाने में रिपोर्ट दर्ज, हजरतगंज में सिपाही के खाते से निकले 65 हजार

लखनऊ, अमृत विचार: ट्रेजरी कार्यालय का बाबू बनकर साइबर जालसाज ने रिटायर्ड दरोगा के खाते से 4.61 लाख रुपये उड़ा लिए। पेंशन बनाने का झांसा देकर जालसाज ने लिंक भेजकर ठगी की। पीड़ित ने पीजीआई थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है। वहीं, पुलिस मुख्यालय में तैनात सिपाही के खाते से जालसाज ने 65 हजार रुपये गायब कर दिए। पीड़ित ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है। पुलिस दोनों मामलों को दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की मदद से जांच कर रही है।

साउथ सिटी के रत्नाकर खंड निवासी ज्ञानेंद्र कुमार शुक्ल बलरामपुर जिले से 31 मई को उपनिरीक्षक पद से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई को एक कॉल आयी। फोनकर्ता ने खुद को ट्रेजरी से अखिलेश श्रीवास्तव बताया। कहा कि आपकी पेंशन ट्रेजरी से बननी है। एक लिंक भेजा है। उसे डाउनलोड कर जानकारी भरकर भेज दीजिए, ताकि पेंशन बन सके। जाल में फंसे ज्ञानेंद्र ने लिंक ओपन कर जानकारी भरकर भेज दी। जिसके बाद जालसाज ने उनके खाते से 4.61 लाख रुपये पार कर दिए। बैंक और साइबर सेल में सूचना देने के बाद पीड़ित ने पीजीआई थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है।

वही, पुलिस लाइन में रहने वाला सिपाही अजय कुमार पीएचक्यू में तैनात है। उन्हाेंने बताया कि 1 जुलाई की दोपहर फेसबुक मैसेंजर पर पंकज भाई के नाम से मैसेज आया। लिखा था कि मैं मलेशिया में हूं। अपना एकाउंट नंबर दो, उसपर छह लाख भेज रहा हूं। वापस लौटूंगा तो ले लूंगा। परिचित होने के नाते अजय ने एकाउंट नंबर भेज दिया। फिर कहा कि पासपोर्ट ब्लॉक हो गया है। एक नंबर भेजा है, अनब्लॉक कराने के लिए एजेंट से बात कर लो। पीड़ित ने दिए गए नंबर पर संपर्क तो जालसाज ने अनब्लॉक कराने का झांसा देकर चार बार में 65 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है।

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