मुरादाबाद : स्कूलों के मर्जर के विरोध में बरसे प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक

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Published By Pradeep Kumar
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बीएसए कार्यालय पर किया प्रदर्शन, सरकार की नीतियों को बताया शिक्षक व छात्र विरोधी

मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदेश सरकार द्वारा 50 या इससे कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के विरोध में मंगलवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जिले भर के शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश कुमार शर्मा और जिला मंत्री धर्मेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने सरकार की मर्जर नीति को छात्र और जनविरोधी बताया। प्रदर्शन के बाद शिक्षक जुलूस निकाल कर कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां प्रशासनिक अधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने मांग न माने जाने पर व्यापक स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व जिला मंत्री के नेतृत्व में कम संख्या वाले स्कूलों के मर्जर के विरोध में संघ के पदाधिकारियों व अन्य शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष सर्वेश कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के उन विद्यालयों को बंद किया जा रहा है,जहां छात्रों की संख्या प्राथमिक विद्यालयों में 50 से कम और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 से कम है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को दूरस्थ विद्यालयों तक जाने की बाध्यता होगी, बल्कि हजारों प्रधानाध्यापक सरप्लस घोषित कर दिए जाएंगे और रसोइयों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। शिक्षक कपिल सिरोही ने कहा कि वर्ष 2018-19 में भी इसी प्रकार लगभग 20 हजार विद्यालयों को एकीकृत कर प्राथमिक विद्यालयों से प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त किए गए थे। अब फिर वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है। यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम की भावना के विपरीत है। इससे बच्चों की स्कूलों तक पहुंच में बाधा उत्पन्न होगी और स्कूल ड्रॉपआउट की संख्या बढ़ेगी।

संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ही मर्जर नीति पर पुनर्विचार नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में नीरज शर्मा, संजय सिंह, प्रियंका यादव, शिवि गुप्ता, राजीव कुमार, सुरजीत यादव, ब्रजकिशोर, अमित कुमार सिंह, विनीत गुप्ता, राकेश कौशिक, इकमान अली, हिमांशु वशिष्ठ, चंद्र किरण, देवेश चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।

अन्य मांगे भी उठाईं
प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने अन्य मांगों को भी उठाया। जिला मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 व उसके बाद नियुक्तों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने, प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदस्थापना सुनिश्चित करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा और चयन वेतनमान प्रदान करने, बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त करने की सरकार से काफी समय से शिक्षक मांग कर रहे हैं। गर्मी के मौसम में विद्यालय का समय सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 तक करने, आकांक्षी जनपदों के शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करने और मृत शिक्षकों के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण आश्रितों को शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की भी मांग की गई।

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