बरेली: जोगीनवादा में मुस्लिम समाज के लोगों ने कांवड़ियों पर बरसे फूल, दिल खोलकर किया स्वागत
बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश का बरेली शहर जो, पिछले कुछ अरसे से त्योहारों पर सांप्रदायिक तनातनी का केंद्र बनता रहा है। उसके सबसे संवेदनशील मुहल्ला जोगीनवादा में सावन के पहले शुक्रवार को ही आपसी सौहार्द की मिसाल कायम कर दी। गंगाजल लेकर पहुंचे कावंड़ियों का मुस्लिम समुदाय ने दिल खोलकर स्वागत किया। कावंड़ियों पर फूल बरसाए और मालाएं पहनाईं। ये वही जोगीनवादा है, जहां पिछले दो साल-लगातार कांवड़ यात्रा को लेकर भयंकर तनातनी देखने को मिलती रही है।
लेकिन इस बार यहां का नजारा बिल्कुल जुदा है। मुहर्रम पर जब हिंदू समुदाय के लोगों ने ताजियेदारों का स्वागत किया था। उसी वक्त दोनों समुदायों के बीच की दूरियां मिट गईं थीं और जोगीनवादा ने मुहब्बत का संदेश आम कर दिया था।
मुहब्बत की बहार कायम करने में बरेली पुलिस-प्रशासन की कोशिशें काबिलेतारीफ हैं। यहां, मुहर्रम से पहले ही पीस कमेटी की बैठकों में गिले-शिकवे मिटाने पर चर्चा हुई। आम लोग, जो त्योहारों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते थे और अपने त्योहारों का मजा किरकिरा कर लिया करते। उन्होंने मिल-बैठकर रास्ता निकाला। उसी का नतीजा है कि जोगीनवादा में मुहब्बत के फूल बरस रहे हैं।
शुक्रवार को जब कांवड़ियों का पहला जत्था यहां पहुंचा, तो स्थानीय दूसरे समुदाय के स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पुलिस-प्रशासन के लोग भी कांवड़ यात्रा के साथ पहुंचे थे। उनका भी इस्तकबाल किया गया।
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