Bareilly: डिजिटल अरेस्ट...CBI अफसर बनकर प्रोफेसर को एक घंटा धमकाया, पत्नी की होशियारी ने बचाया

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राजीव मेहरोत्रा को साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी और मुंबई पुलिस बता कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। एक घंटे तक ठगों ने अरेस्ट कर धमकाया और बैंक खातों समेत एटीएम कार्ड की डिटेल मांगते रहे। लेकिन, उनकी पत्नी की सूझबूझ से वह ठगी का शिकार होने से बच गए। राजीव मेहरोत्रा की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

प्रेमनगर थाना क्षेत्र स्थित राजेंद्र नगर निवासी राजीव मेहरोत्रा बरेली कॉलेज के कॉमर्स विभाग के विभागध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह सोमवार सुबह करीब 10 बजे घर में बैठे थे। इसी बीच उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया। राजीव ने जैसे ही फोन उठाया पहले एक रिंग बजी जिसमें कहा गया कि आपका नंबर दो घंटे में ब्लॉक कर दी जाएगी। उसके बाद एक महिला बात करने लगी। महिला ने एक घंटे तक डिजिटल आरेस्ट रखा। साथ ही धमकी दी कि चार अक्टूबर को उनके आधार नंबर से एक सिम जारी कराया गया है। जिससे गैर कानूनी काम हो रहे हैं। उसने कॉल अजय नाम के वरिष्ठ अधिकारी को कॉल ट्रांसफर की। उसने महाराष्ट्र के कोलाबा पुलिस स्टेशन का हवाला देते हुए धमकी देना शुरू कर दिया। साथ ही बैंक खाते और एडीटएम कार्ड की डिटेल मांगता रहा। 

सीबीआई का लोगो बना लेटर भी भेजा 
डिजिटल अरेस्ट करने का ड्रामा करते हुए फौरन उनके व्हाट्सएप नंबर पर सीबीआई का लोगो बना लेटर भेज दिया। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड केस का जिक्र किया गया था। करीब एक घंटे तक प्रोफेसर को धमकाने का दौर जारी रहा। कॉलर ने उन्हें धमकी दी कि घर पर आधे घंटे में पुलिस पहुंच रही है। जिससे प्रोफेसर पूरी तरह से घबरा गए। इस घटनाक्रम के दौरान प्रोफेसर की पत्नी भी घर में मौजूद थीं। उन्हें शक हुआ तो पति को इशारा करके कॉल करवा दी। गनीमत रही कि पत्नी की सतर्कता से प्रोफेसर ठगी से बच गए। उन्होंने साइबर थाने में मामले की शिकायत की है। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि ठगी का प्रयास किया गया है। लेकिन, सतर्कता के कारण ठगी होने से बच गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
 
कैसे करे खुद की बचाव
-डिजिटल अरेस्ट पुलिस नहीं करती।
-किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें।
-ऑनलाइन नौकरी का सत्यापन जरूर करें।
-पैसा दोगुना करने के लालच में बिलकुल न फंसे।
-निवेश सिर्फ उन्हीं में करें जिस कंपनी को जानते हो।
-ठगी होने के बाद फौरन सूचना 1930 पर साइबर पुलिस को दें।
-अनजान नंबरों से आने वाले कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें।
-निजी जानकारी न दें बैंक डिटेल, आधार नंबर या कोई और पर्सनल डेटा शेयर न करें।
-दबाव में न आएं कॉलर धमकी दे तो परेशान न हों। ठग डर का ही फायदा उठाते हैं।

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