रामपुर: तीन बालिकाओं की मौत के बाद दूसरे दिन भी नहीं जले चूल्हे, गांव में छाया मातम

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Published By Deepak Mishra
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रामपुर, अमृत विचार। मवेशी चराने गई तीन बालिकाओं के डूबने के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। गुरुवार को भी मृतकों के घरों में चूल्हे नहीं जले। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। थाना बिलासपुर के गांव कोटा जागीरपुर निवासी तेजराम की 11 वर्षीय बेटी क्रांति, मुनिया की 10 वर्षीय बेटी संगीता और 11 साल की सनीता आपस में पड़ोसी थी। बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे तीनों घर से करीब आधा किमी. दूर रेलवे लाइन के पास मवेशियों को चराने गई थीं। 

दोपहर करीब 12 बजे लाइन के बराबर में स्थित गड्ढों में जमा बरसाती पानी में मवेशियों को निकालने के चक्कर में एक के बाद एक तीनों बालिकाएं डूब गई। इस दौरान गड्ढों के बराबर में कॉलोनी निवासियों ने बालिकाओं को रेस्क्यू कर बाहर निकाला था। 

चिकित्सकों ने तीनों को औपचारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया। इससे परिजनों में चीख-पुकार मच गई। वह तीनों के शवों को गांव ले आए। जहां शवों को देखकर परिजनों ने रोना पीटना शुरू कर दिया। गुरुवार को भी मृतकों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले। आने जाने वालों का तांता लगा रहा।

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