डिजिटल अरेस्ट : साइबर थाने की पैरवी से पहली बार हुई ठग को सजा  

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Published By Vinay Shukla
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केजीएमयू की चिकित्सक डॉ. सौम्या को 10 दिन डिजिटल अरेस्ट रख 85 लाख ठगे

विशेष न्यायालय कस्टम के जज ने लगातार सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार

लखनऊ, अमृत विचार: साइबर अपराधियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर व उनकी टीम प्रभावी पैरवी से देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले में पहली बार किसी ठग को कोर्ट ने सजा सुनाई है। लखनऊ के केजीएमयू की डॉ. सौम्या गुप्ता को दस दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर 85 लाख रुपये ठगने वाले आरोपी देवाशीष राय को विशेष सीजेएम न्यायालय कस्टम अमित कुमार की कोर्ट ने सात वर्ष की कठोर कारावास और 68 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपी मई 2024 से जेल में बंद है। 

इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृजेश कुमार यादव के मुताबिक महानगर इलाके के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में रहने वाली डॉ. सौम्या गुप्ता केजीएमयू में तैनात है। डॉ. सौम्या ने 1 मई 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। डॉ. सौम्या के मुताबिक 15 अप्रैल को उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले कहा कि वह दिल्ली के इंदिरागांधी एयरपोर्ट के कस्टम विभाग से बोल रहा है। आपके नाम से कारगो बुक किया गया है। जिसमें फर्जी पासपोर्ट व ड्रग्स है।

कहा कि कॉल सीबीआई अधिकारी को ट्रांसफर की जा रही है। साथ ही जेल भेजने की धमकी दी। जाल में फंसाने के बाद 85 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिये। एक मई को रिपोर्ट दर्ज करने के बाद साइबर क्राइम थाने की टीम ने खाते में छह लाख रुपये फ्रीज करा दिये। इसके बाद पांच दिन के अंदर ही आरोपी देवाशीष राय को गोमतीनगर विस्तार स्थित मंदाकिनी अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर लिया। देवाशीष मूलत: आजमगढ़ के मसौना का रहने वाला है। उसने एमसीए की शिक्षा ग्रहण की है। 

14 माह से जेल में बंद है आरोपी : इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृजेश कुमार यादव के मुताबिक आरोपी देवाशीष राय को पांच मई को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसके खिलाफ लगातार पैरवी शुरू कर दी गई। उसने जितनी बार जमानत के लिए अर्जी डाली उसका विरोध कर खारिज कराया गया। पिछले 14 माह से वह जेल में ही बंद है। यह खुद में एक रिकार्ड है। इतने लंबे समय तक किसी भी साइबर या डिजिटल अरेस्ट के मामले में कोई आरोपी जेल में बंद नहीं रहा है।

पीड़िता द्वारा बताये गये घटनाक्रम के अनुसार 66 आईटी, 419 और 420 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। मामले की जांच जैसे आगे बढ़ी तो इसमें कूट रचना से लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण धाराएं बढ़ाई गई। इस मामले की सुनवाई विशेष सीजेएम न्यायालय कस्टम अमित कुमार की कोर्ट में चल रही थी। पुलिस ने तीन माह के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया था। देवाशीष को दर्ज सभी धाराओं में आरोपी साबित करते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य कोर्ट के सामने पेश किये गये। कोर्ट ने मंगलवार को आरोपी देवाशीष को दोषी पाया। बुधवार को 18 पेज के फैसले सजा सुनाई।

इस टीम ने की प्रभावी पैरवी : आरोपी देवाशीष राय की गिरफ्तारी से लेकर कोर्ट में ट्रायल के दौरान सुनवाई में मजबूत साक्ष्य रखे गये। जिसके आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई। इसमें साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव, अभियोजन अधिकारी अजय कुमार यादव, मषिंद्र चौहान, मुख्य आरक्षी विवेक कुमार यादव, आरक्षी धनीश कुमार और संजय कसौधन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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