प्रयागराज में बाढ़ का कहर : उफान पर पहुंची नदियां, सैकड़ों मकान डूबे, बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद
प्रयागराज, अमृत विचार : प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। दो दिन पहले जहां गंगा और यमुना नदियों की रफ्तार थम गई थी और पानी धीरे-धीरे कम होने लगा था, वहीं एक बार फिर से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
बाढ़ का पानी घरों में घुसा : गंगा और यमुना नदियों के उफनाने से पूरे संगम क्षेत्र में पानी ही पानी नजर आ रहा है। संगम क्षेत्र में बनी दुकानें और झोपड़ियां पानी में समा गई हैं। दुकानदार, घटिये और तीर्थ पुरोहित सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। नाविकों ने किनारे की ओर लाकर नावें भी बांध दी हैं।
बाढ़ का पानी अन्य क्षेत्रों में भी पहुंचा : बाढ़ का पानी दारागंज से नाग वासुकी मंदिर की जाने वाली रोड पर पहुंच चुका है। दशाश्वमेध घाट के सामने सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। सड़क किनारे रह रहे लोग अपने सामानों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं।
प्रशासन की तैयारी: प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने कछारी क्षेत्रों में गश्त की। जल पुलिस और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। सिंचाई विभाग के बाढ़ कंट्रोल रूम से 24 घंटे बढ़ते जल स्तर पर नजर रखी जा रही है। जिले में बनाई गई सभी 88 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।
संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ : बाढ़ के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम के तट पर पहुंच रहे हैं। लोग मां गंगा और यमुना नदियों के इस स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही दान-पुण्य भी कर रहे हैं।
बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद : बाढ़ के चलते बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद होने से तमाम श्रद्धालुओं को निराशा भी हो रही है। विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद दूसरी बार मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया है।
झूंसी क्षेत्र में भी बाढ़ का कहर : झूंसी क्षेत्र के बदरा सुनौटी समेत कई गांव का संपर्क शहर से कट गया है। यहां से शहर जाने वाले लोग भी नावों के जरिए ही सफर तय करने को मजबूर हैं।
कोरांव में अस्पताल में पानी भरने से मरीजों को परेशानी : कोरांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही के कारण जल निकासी व्यवस्था नहीं होने से क्षेत्र के हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को भी अस्पताल में पानी भरा था, जिससे अस्पताल के सामने सड़क के किनारे बैठकर ओपीडी डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह ने की। बारिश का पानी अस्पताल में भरने से दवाइयां और रिकॉर्ड पानी के भेंट चढ़ गए।
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