यूपी में भारी बारिश का कहर: बुंदेलखंड, बांदा, चित्रकूट समेत महोबा में बड़ा हादसा, मकान गिरने से 6 बच्चों समेत 9 लोगों की मौत

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश कहर बनकर टूट रही है। बुंदेलखंड में भारी बारिश के चलते मकान गिरने और अन्य कारणों से तीन जिलों में छह बच्चों समेत नौ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। लगभग 18 लोग घायल भी हुए हैं। अकेले बांदा जिले में ही चार बच्चों की मौत हुई है। यहां 14 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा चित्रकूट और महोबा में घटनाएं हुईं हैं।

दरअसल, बुंदेलखंड में अतिवृष्टि के हालात से तबाही मची। इस दौरान हादसों में नौ लोगों की जान चली गई। बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा हमीरपुर में 240 मिलीमीटर दर्ज की गई। बांदा के चिल्लाघाट में 204 मिलीमीटर बारिश ई। चित्रकूट के अटर्रा में 175, महोबा के कुलपहाड़ में 144, यागराज के कोरांव में 84.5 मिलीमीटर वर्षा ई। ललितपुर के तेलबहट में 80 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। बांदा में गुरुवार रात तेज बारिश के दौरान बिसंडा थाना क्षेत्र में ओरन गांव के पिपरीखेरवा मजरे में एक कच्चा मकान गिर गया, जिसके मलबे में एक ही परिवार के नौ लोग दब गए। 

स्थानीय पुलिस ने सभी को मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल ले गई, जहां चिकित्सकों ने सुनील के बेटे पुष्पें (छह) और बेटी आरोही (चार) को मृत घोषित कर दिया है वहीं, इसी परिवार के सात लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, पिपरी खेरवा गांव निवासी मनोज कुशवाहा का परिवार भी अपने कच्चे मकान में सो रहा था, तभी शुक्रवार तड़के लगभग दो बजे मकान अचानक ढह गया।

सभी घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों आरती (4) और धर्में (7) को मृत घोषित कर दिया। उधर, चित्रकूट जिले में शुक्रवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे पहाड़ी कस्बे के नादी रोड में अनिल सिंह (38) के पक्के मकान की दीवार ढह गई, जिसके मलबे में अनिल सिंह, उसकी पत्नी सोनी देवी (32) और बच्चे शिवांगी (पांच) एवं शिवा (एक) दब गए। सभी को बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने शिवांगी और शिवा को मृत घोषित कर दिया, दंपति का इलाज चल रहा है।


इसी तरह, महोबा जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र के सिजहरी गांव में गुरुवार रात तेज बारिश के बाद जलभराव के कारण वृन्दावन यादव (42), उसकी पत्नी जसोदा (35) और बेटे ज्ञान सिंह (आठ) और प्राण सिंह (16) कच्चे मकान के मलबे में दब गए। जसोदा और उसके बेटे प्राण सिंह की म़त्यु हो गई है। वृन्दावन और उसके एक बेटे ज्ञान सिंह का अभी इलाज चल रहा है।


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