अमरोहा : सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़

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Published By Pradeep Kumar
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जलाभिषेक कर मांगी मन्नत, हर हर महादेव के जयकारों से भक्तिमय हुआ वातावरण

अमरोहा, अमृत विचार। सावन के दूसरे सोमवार के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह रहा। सोमवार तड़के से ही शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कांवड़ लाने वाले गंगाजल भगवान भोलेनाथ को चढ़ाने के लिए आतुर नजर आए। बम-बम भोले के जयकारों से शिवालयों संग शहर गूंज उठा। बड़ी संख्या में हरिद्वार और ब्रजघाट से गंगाजल लेकर आए शिवभक्तों जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। भीड़ होने की वजह से दोपहर तक जलाभिषेक का सिलसिला चलता रहा। मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चौकन्ना रहा।

सोमवार को तड़के से ही मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ना आरंभ हो गया था। ब्रजघाट एवं हरिद्वार से कांवड़ लेकर आए श्रद्धालुओं ने भगवान भोले बाबा को कांवड़ चढ़ाई। इनके अलावा अन्य शिवभक्तों ने भी भगवान को जल एवं दूध चढ़ाया। शहर के प्रमुख मंदिरों में रविवार शाम से कांवड़ियों के आराम, खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने प्रेम पूर्वक भगवान शिव की आराधना की। उसके बाद मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक किया। जलाभिषेक के साथ-साथ बाहर बनी भगवान शिव समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा पर भी विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। दोपहर तक कांवड़िये परिजनों के साथ शिवालयों में पहुंचते रहे। सबसे ज्यादा भीड़ शहर के प्राचीन वासुदेव तीर्थ मंदिर, नौगावां सादात गजस्थल रही। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने ने जलाभिषेक किया। जिलेभर के दो दर्जन से अधिक मंदिरों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जलाभिषेक कराया गया। मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। जलाभिषेक करने का सिलसिला दिनभर चलता रहा। शिवालयों में जलाभिषेक पूजन के साथ हर-हर महादेव के जयकारे गूंज सुनाई दी।

शाम तक जलाभिषेक करने का चलता रहा सिलसिला
कांवड़ यात्रा में दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ी। इसके अलवा 23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि को लेकर हरिद्वार व ब्रजघाट से जल लेकर आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी रहा।

सोमवार की सुबह जलाभिषेक के लिए काफी संख्या में हरिद्वार और ब्रजघाट से भक्त डाक कांवड़ लेकर आए। पहले सोमवार की अपेक्षा इस बार कांवड़ियों की संख्या ज्यादा थी। वहीं ब्रजघाट से डांक कांवड़ लाने के लिए रविवार शाम को ही श्रद्धालु जल भरने के लिए पहुंच गए थे। देर रात के बाद से श्रद्धालु डांक कांवड़ लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होने लगे। सुबह तड़के वह सीधे गंगाजल लेकर शिवालयों में पहुंचे और गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। वहीं हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कांविड़ए लगातार अपने गंतव्य की ओर बढ़ते नजर आए। 23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि पर भगवान भोलनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

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