निवेश प्रक्रिया हो सरल, मुख्य सचिव ने विभागों को समयबद्ध निस्तारण का निर्देश
लखनऊ, अमृत विचार। यूपी में औद्योगिक विकास को गति देने व निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को एक उच्चस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई। निवेश परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देना व प्रक्रियात्मक अड़चनों को दूर कर प्रदेश को 'एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था' में बदलने के विजन को साकार करना इस बैठक के मूल में रहा।
लोकभवन में हुई बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निवेश संबंधी 15 प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आंतरिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने व नियामकीय ढांचे का पालन करते हुए निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने पर बल दिया। स्पष्ट किया कि प्रस्तावित निवेश योजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर लाने के लिए प्रक्रियात्मक देरी को समाप्त किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को लंबित समस्याओं को तय समय-सीमा में निस्तारित करने के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, खाद्य प्रसंस्करण और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रक्रियागत बाधाओं के चलते लंबित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी), प्रोत्साहन और भूमि से संबंधित प्रकरणों को जल्द हल करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया। बैठक में इन्वेस्ट यूपी, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग, परिवहन विभाग, मत्स्य विभाग, बिजली विभाग, गन्ना व चीनी उद्योग, यूपीसीडा, आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स, अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबन्धित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
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