गोवंश की देखभाल में लापरवाही पर दो फर्मों व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
लखनऊ/मेरठ। मेरठ की कान्हा उपवन गौशाला में गोवंश मवेशियों की देखभाल में गंभीर लापरवाही उजागर होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी और दो संबंधित फर्म एवं एक अधिकारी समेत दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गयी। मंगलवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
इस बीच मेरठ से मिली खबर के अनुसार पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अभिषेक तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कान्हा उपवन गौशाला में भूख से गोवंश मवेशियों की मौत के मामले में नगर निगम के प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह को आज सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया तथा उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम एवं सरकारी धन के गबन के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
सीओ ने बताया कि पूछताछ के बाद हरपाल सिंह को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। थाना सिविल लाइन प्रभारी सतबीर सिंह के अनुसार सफाई एवं खाद्य निरीक्षक और प्रभारी अधिकारी (कान्हा गौशाला) कुलदीप कुमार की तहरीर पर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इसके पूर्व लखनऊ में जारी बयान के अनुसार नगर विकास विभाग ने दो ‘आउटसोर्सिंग फर्मों’-- ''जैन कंप्यूटर्स'' और ''शिवम इंटरप्राइजेज'' के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। इन फर्मों को गोशाला में 2500 गोवंश मवेशियों की देखभाल के लिए गोपालकों और कर्मचारियों की तैनाती की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बयान में कहा गया कि 12 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर कान्हा गौशाला की बदहाल स्थिति को दर्शाने वाला एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें दयनीय परिस्थितियों में गोवंश मवेशी नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के बाद सहायक नगर आयुक्त शरद पाल के नेतृत्व में गोशाला का गहन निरीक्षण किया गया और जांच में पाया गया कि गोशाला में भूसा, हरा चारा और पानी उपलब्ध होने के बावजूद मवेशियों को समय पर नहीं दिया जा रहा था। इसके अलावा, कई गोपालक और कर्मचारी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए।
‘मेसर्स जैन कंप्यूटर्स’ ने 24 गोपालकों और ‘शिवम इंटरप्राइजेज’ ने 18 गोपालकों की तैनाती का दावा किया था, लेकिन वास्तविक स्थिति इसके विपरीत थी। नगर निगम ने बताया कि दोनों फर्मों को पहले भी गोवंश मवेशियों की देखभाल में लापरवाही के लिए मौखिक और लिखित नोटिस जारी किए गए थे लेकिन इसके बावजूद, कोई सुधार नहीं हुआ, तब कड़ा कदम उठाना पड़ा।
जांच में यह भी सामने आया कि गौशाला में अभिलेखों का रख-रखाव अपूर्ण था, जिसके लिए लिपिक विकास शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। बयान के अनुसार लापरवाही के इस मामले में पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी हरपाल सिंह और गौशाला के केयरटेकर के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है एवं उन्हें निलंबित भी कर दिया गया हैं।
बयान के अनुसार मामले के जांचकर्ता सहायक नगर आयुक्त शरद पाल से गोशाला का वरिष्ठ प्रभार छीन लिया गया है और उनकी जगह अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र को सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया और उनकी जगह डॉ. अमर सिंह को नई तैनाती दी गई है।
नगर निगम ने गौशाला की स्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गौशाला की निगरानी के लिए 12 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कान्हा गौशाला के रखरखाव में कमी एवं लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
