CDO ने SDM को पुलिस बल के साथ जांच का दिया आदेश, परानीपुर में ग्राम प्रधान पर वित्तीय अनियमितता के लगे गंभीर आरोप
डीएम ने ग्राम प्रधान के वित्तीय, प्रशासनिक अधिकारी पर लगा दिया है रोक
प्रयागराज, अमृत विचार। परानीपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के चलते मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हर्षिका सिंह ने मेजा के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को पुलिस बल के साथ जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) द्वारा लगाई गई रोक के बाद की गई है।
सीडीओ ने एसडीएम मेजा को निर्देश दिया कि वे 31 जुलाई को सुबह 11 बजे पुलिस बल के साथ परानीपुर ग्राम पंचायत पहुंचकर वहां किए गए कार्यों की गहन जांच कराएं। जांच के लिए उप श्रमायुक्त (श्रम रोजगार) और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता को तकनीकी सहयोग के लिए नियुक्त किया गया है। इससे पहले 22 जुलाई को जांच के लिए गए अधिकारियों को ग्राम प्रधान के समर्थकों द्वारा रोके जाने के कारण तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके चलते जांच अधूरी रह गई थी।
उरुवा ब्लॉक के परानीपुर गांव के निवासी राजू ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें ग्राम प्रधान द्वारा किए गए विकास कार्यों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया। शिकायत के आधार पर उप श्रमायुक्त (श्रम रोजगार) और सहायक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को जांच के लिए नामित किया गया था। 22 जुलाई को जांच दल, जिसमें सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), ग्राम पंचायत सचिव और मनरेगा लेखा सहायक शामिल थे, मौके पर पहुंचा, लेकिन ग्राम प्रधान मौजूद नहीं थीं। प्रधान के पति ने उप श्रमायुक्त के कार्यालय में एक प्रत्यावेदन देकर दावा किया कि न्यायालय ने जांच पर रोक लगा दी है। हालांकि, यह दावा गलत पाया गया, क्योंकि न्यायालय ने केवल 16 जून 2025 के डीएम के उस आदेश को स्थगित किया था, जिसमें ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगाई गई थी।
जांच के दौरान ग्राम प्रधान के समर्थकों ने अधिकारियों को कार्य रोकने के लिए दबाव बनाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। परिणामस्वरूप, जांच दल को वापस लौटना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीडीओ ने एसडीएम मेजा को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे पुलिस बल के साथ मौके पर जाकर जांच को शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से पूरा कराएं।
उल्लेखनीय है कि परानीपुर के ग्राम प्रधान पर 1.30 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है, जो कथित तौर पर विभिन्न विकास कार्यों में खर्च किए गए, लेकिन वास्तव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। इनमें से 55 लाख रुपये की जांच के आदेश पर प्रधान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त किया है। इसके बावजूद, डीएम द्वारा वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों पर रोक के बाद भी प्रधान ने विकास मद से 9 लाख रुपये निकाल लिए। सीडीओ ने अब 39 लाख रुपये के विकास कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं। ग्रामीणों में ग्राम प्रधान की कार्यशैली को लेकर भारी असंतोष और आक्रोश व्याप्त है।
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