गंगा-यमुना का प्रलय : प्रयागराज जलमग्न, लाखों की आबादी प्रभावित...तस्वीरों में दिखी बेबसी और परेशानी
200 गांव जलमग्न, हजारों घर डूबे, राहत शिविरों में उमड़ी भीड़
प्रयागराज, अमृत विचार : संगम नगरी प्रयागराज इस समय गंगा और यमुना की प्रचंड बाढ़ से जूझ रही है। बीते शनिवार को दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इसके बाद शहर के कई इलाकों में पानी इस कदर घुस गया कि 200 गांव और 60 से अधिक मोहल्ले बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं राहत कार्यों में जुटी हैं लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
🔹 5,000 से अधिक लोग शिविरों में पहुंचे : लगभग तीन लाख से अधिक लोग बाढ़ से किसी न किसी रूप में प्रभावित हो चुके हैं। अब तक 5,000 से ज्यादा लोग बाढ़ राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी, दवाइयों और चारे की व्यवस्था की जा रही है।

🔹 कई इलाकों में पहली मंजिल तक पानी : छोटा बघाड़ा, बघाड़ा, सलोरी, नेवादा, राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, रसूलाबाद, तेलियरगंज, मम्फोर्डगंज, करैलाबाग जैसे दर्जनों निचले इलाके पानी में डूब चुके हैं। कई मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर चुका है।
🔹 रेस्क्यू में जुटी NDRF और SDRF : बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। अब तक 500 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है। 150 नावों और मोटर बोटों की सहायता से संपर्कविहीन गांवों तक राहत पहुँचाई जा रही है।

🔹 27 गांवों का टूटा संपर्क : प्रशासन के मुताबिक 27 गांवों का शहर से संपर्क पूरी तरह टूट गया है, वहीं 180 गांव बाढ़ से सीधे प्रभावित हैं। कई प्रतियोगी छात्र पढ़ाई छोड़कर गांव लौटने को मजबूर हैं।
🔹 स्कूल-कॉलेज जलमग्न, पर छुट्टी नहीं : बाढ़ के चलते दो दर्जन से अधिक स्कूल-कॉलेज पानी में डूब गए हैं, जिनमें रसूलाबाद का ज्वाला देवी इंटर कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल, नैनी और झूंसी के शैक्षिक संस्थान प्रमुख हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने अवकाश की घोषणा नहीं की है।

🔹 श्मशान घाट डूबे, सड़कों पर हो रहे अंतिम संस्कार : रसूलाबाद, छतनाग, फाफामऊ और दारागंज के श्मशान घाट जलमग्न हो गए हैं, जिसके कारण दारागंज में सड़कों पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। विद्युत शवदाह गृहों में भी अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है।
🔹 मुख्यमंत्री सक्रिय, मंत्री नंदी पहुंचे मोर्चे पर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उनकी बनाई "टीम 11" में प्रयागराज, मिर्जापुर और बांदा की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को दी गई है। वे प्रयागराज पहुंचकर राहत शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा है, "यह समय संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता से जनता की सेवा करने का है।"

🔹 प्रशासन अलर्ट मोड पर, जलस्तर पर निगरानी : गंगा और यमुना का जलस्तर अब भी लगातार बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से हर पल की निगरानी की जा रही है, ताकि कोई बड़ी अनहोनी न हो।
तस्वीरों में गंगा-यमुना के प्रलय से जद्दोजहत करती ज़िंदगी

कॉलोनियां जलमग्न : प्रयागराज की कॉलोनियां इस समय नदियों में तब्दील हो चुकी हैं। गंगा और यमुना के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण शहर के निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। सलोरी, राजापुर, गंगानगर, तेलियरगंज, मम्फोर्डगंज, बघाड़ा और जेके आशियाना जैसी कॉलोनियों की सड़कों पर नावें चल रही हैं। पानी घरों में घुस चुका है और कई मकान पूरी तरह डूब गए हैं। स्थानीय लोग अपना सामान समेटकर ऊपरी मंजिलों और राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं। बाढ़ के कारण विद्युत आपूर्ति और पेयजल सेवाएं बाधित हो गई हैं। कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क भी ठप है। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और राहत कार्य जारी हैं, लेकिन बढ़ता जलस्तर लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। प्रयागराज का जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है।

दृश्य दूसरा :

दृश्य तीसरा :

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