UP में बाढ़ का कहर: 14 जिलों में 85 हजार लोग प्रभावित, वाराणसी-प्रयागराज के रिहायशी इलाकों में घुसा पानी, लोगों की सहायता को लगीं नाव और मोटरबोट

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Published By Muskan Dixit
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर समेत अन्य जिले बाढ़ की चपेट में

लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश बाढ़ के कहर से जूझ रहा है। राज्य के 14 जिलों में 85 हजार लोग इससे प्रभावित हैं। वाराणसी-प्रयागराज के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। वहीं, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं। अयोध्या, बांदा और इटावा में भी प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु कर दिया है। जलमग्न गांवों, क्षेत्रों में प्रभावित लोगों की सहायता को नाव और मोटरबोट लगा दीं गई हैं। राहत सामाग्रियों का वितरण किया जा रहा है। कुल 4015.99 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में जलभराव है।

दरअसल, मध्य प्रदेश से आने वाली सहायक नदियों में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसका असर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से लेकर बंगाल की खाड़ी तक देखा जा रहा है। इस बीच प्रदेश के कई जिलों में लगातार भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से नदियां उफान पर हैं। सरयू नदी वर्तमान में अलर्ट लेवल से 56 सेंटीमीटर (सेमी) ऊपर बह रही है और हर तीन घंटे में जलस्तर दो सेमी बढ़ रहा है। ऐसे में निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।

अधिकारियों से शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार सरयू के अलवा केन, यमुना और चंबल जैसी नदियां खतरे के निशान या उससे ऊपर बह रही हैं। उत्तर प्रदेश के जिन 14 जिलों में बाढ़ का असर दिखाई दे रहा है उनमें प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, जालौन, आगरा, मिर्जापुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, बांदा, इटावा, औरैया, फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं। 

प्रयागराज, वाराणसी शहर की स्थिति ज्यादा गंभीर नजर आ रही है। निचले इलाकों में मकानों के अंदर पानी आ गया है। दोनों ही शहरों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कुल बाढ़ प्रभावित जिलों में अब तक कुल 383 मकानों को नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की तरफ से लभभग 500 नाव और मोटरबोट लोगों की सहायता के लिए लगाई गई हैं। प्रभावित जिलों में 905 शरण स्थल बनाए गए हैं। अब तक 17 हजार से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। वहीं, 11 हजार से ज्यादा लोग शरण स्थलों में रह रहे हैं।

प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज

राज्य सरकार की तरफ से महामारी रोकने के लिए 757 मेडिकल टीमें प्रभावित इलाकों में लगाई गई हैं। 1.29 लाख क्लोरीन टैबलेट और 37,089 पैकेट ओआरएस वितरित किए गए हैं। खाने पीने के लिए जगह-जगह पर लंगर चल रहे हैं, वहीं 77000 से ज्यादा लंच पैकेट बांटे जा चुके हैं। खाद्यान्न पैकेट्स भी 6500 से ज्यादा बांटे जा चुके हैं। कुल 391 गांव और शहरी क्षेत्र में कुल 73 वार्ड्स में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है।

खंभे में उतरे करंट से दो दोस्तों की मौत

बाराबंकी के लोधेश्वर महादेवा मंदिर मेला परिसर में रविवार को विद्युत पोल में उतरे करंट की चपेट में आने से दो दोस्तों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की गई है। घटना रविवार की दोपहर महादेवा मंदिर के निकट स्थित पुलिस चौकी के पास हुई।

स्थानीय मेला क्षेत्र में बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है। यहीं बाजार में ही फोटो स्टूडियो संचालित करने वाला संजय निवासी ग्राम गोबरहा अपने दोस्त हौसला पुत्र दशरथ निवासी ग्राम गुलरिहा थाना मसौली के साथ बैठा था। हौसला दुकान से पानी में पैर रखकर बाहर निकल रहा था कि उसे करंट लग गया। इसी बीच उसका हाथ लोहे की सीढ़ी से स्पर्श हो गया और वह वहीं तड़पने लगा। बचाने दौड़ा दोस्त संजय भी करंट की चपेट में आ गया। बाद में दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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