यूपी में 'Decriminalization Bill' का तैयार हो रहा मसौदा, 98 प्रतिशत से अधिक कारावास संबंधी प्रावधान किए जाएंगे समाप्त

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार : राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए दो ऐतिहासिक ‘डीक्रिमिनलाइजेशन विधेयक’ का मसौदा तैयार कर रही है, जिनके माध्यम से राज्य और समवर्ती सूची के अधिनियमों में 98 प्रतिशत से अधिक कारावास संबंधी प्रावधान समाप्त किए जाएंगे। ऐसे में व्यवसाय से जुड़े कानून इस कदर शिथिल कर दिए जाएंगे कि किसी व्यवसायी को अधिकांश प्रकरणों में जेल जाने की नौबत न आए। माना जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश को एक प्रगतिशील और व्यापार-अनुकूल विधिक ढांचा प्रदान करेगा।

मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) को और अधिक सुगम एवं निवेशकों के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ‘अनुपालन न्यूनीकरण एवं विनियमन शिथिलीकरण 2025’ पहल की प्रगति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंगलवार को इन्वेस्ट यूपी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सुधारों की दिशा में हुई प्रगति तथा आगामी कार्ययोजना पर मंथन किया।

मुख्य सचिव ने समयबद्ध, समन्वित कार्रवाई और फीडबैक आधारित सुधारों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल व्यवस्थाएं ही सुधार नहीं रहा है, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए पुनर्परिभाषित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सुधारों को वर्षांत तक निवेश मित्र 3.0 के साथ पूर्ण रूप से एकीकृत किया जाए, ताकि निवेशकों को समग्र और सरल अनुभव मिल सके।

सीईओ इनवेस्ट यूपी विजय किरण आनंद ने राज्य की सिंगल विंडो प्रणाली ‘निवेश मित्र 3.0’ के उन्नत संस्करण पर प्रस्तुतीकरण दिया, जो वर्ष अंत तक शुरू होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह पोर्टल 44 से अधिक विभागों की 525 सेवाएं प्रदान करता है। नए संस्करण के माध्यम से सेवा प्रदायगी की समय सीमा में 30 प्रतिशत की कमी, आवेदन एवं स्वीकृति प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा दस्तावेजों की आवश्यकता को आधा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे निवेशकों को त्वरित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-केंद्रित अनुभव मिलेगा।

उद्योगों में महिलाओं पर लगे पुराने प्रतिबंध हटाने पर मंथन

बैठक में कुछ दूरदर्शी सुझावों पर भी चर्चा हुई, जैसे- भवन उपविधियों में संशोधन कर भूमि की बर्बादी रोकना, उद्योगों में महिलाओं पर लगे पुराने प्रतिबंध हटाना और फैक्ट्री, व्यापार लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना। साथ ही द्विभाषी फॉर्म, डीआईवाई (डू-इट-योरसेल्फ) वीडियो ट्यूटोरियल्स, रिस्पॉन्सिव कॉल सेंटर और जागरूकता अभियान जैसे सुधारों पर भी जोर दिया गया।

यह भी पढ़ेंः उत्तरकाशी पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी, लोगों से की बातचीत... हर संभव मदद करने का दिया आश्वासन

संबंधित समाचार