"दहेज हत्या केस में बेवजह अपील, हाईकोर्ट का यूपी सरकार पर सख्त रुख: आरोपी को मिलेगा मुआवजा"
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज हत्या के एक मामले में बरी किए गए व्यक्ति के खिलाफ बेवजह अपील दायर करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने अभियुक्त धीरेंद्र कुमार को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने अपील दाखिल करने से पहले न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और बिना ठोस आधार के बरी के आदेश को चुनौती दी। इस कारण अभियुक्त को दो बार “कष्टप्रद आपराधिक अभियोजन” का सामना करना पड़ा।
मामला बुलंदशहर के सिकंदराबाद थाना क्षेत्र का है, जहां धीरेंद्र की पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम में मौत का कारण पंखे से लटकना पाया गया। मौके से मिला सुसाइड नोट मामले का अहम सबूत बना। इसमें मृतका ने साफ लिखा था कि उसकी मौत की जिम्मेदारी वह खुद ले रही है और पति या ससुराल वालों को परेशान न किया जाए। उसने अपने गहने और कपड़े अपने भाई को भेजने का भी जिक्र किया था, जिसने शादी में खर्च किया था।
निचली अदालत ने इस सुसाइड नोट और अन्य साक्ष्यों को देखते हुए धीरेंद्र को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में स्पष्ट किया गया है कि बरी के खिलाफ अपील तभी होनी चाहिए, जब गंभीर कानूनी त्रुटियां या ठोस सबूतों की अनदेखी हो। अदालत ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि भविष्य में अपील केवल पर्याप्त और मजबूत कारण, स्पष्ट गलती और गंभीर विकृतियों की मौजूदगी में ही दायर की जाए।
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