बाराबंकी: 53 सेमी ऊपर सरयू का जलस्तर स्थिर, हजारों लोग प्रभावित
बाराबंकी, अमृत विचार। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर ने तराई में उथल पुथल मचा दी है। शुक्रवार को नदी का जलस्तर तो स्थिर रहा लेकिन सूरतगंज, सिरौलीगौसपुर व आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह से जलमग्न होने से हजारों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और अनेक परिवारों ने तटबंधों व छतों की शरण ले रखी है। शुक्रवार को डीएम ने प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।
सूरतगंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के हेतमापुर, कोड़री, सुंदरनगर, बबुरी, केदारीपुर, लालपुरवा, मदरहा, क्योलीपुरवा, अकौना, बाबापुरवा, बेलहरी, पूरनपुर, बलाईपुर, संकटापुर और गुडियनपुरवा जैसे गांवों में बाढ़ का पानी घरों में भर गया है। करीब 40 परिवार तटबंध पर आश्रय लिए हुए हैं, जबकि कुछ लोग घरों की छतों पर रहने को मजबूर हैं। सड़कें जलमग्न होने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।

तटबंध पर शरण लिए लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिला। जहां पिछले वर्ष कई हैंडपंप और मोबाइल शौचालय लगाए गए थे, इस बार केवल तीन हैंडपंप और एक शौचालय उपलब्ध है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और तुरंत शौचालय व जल की व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा अब तक 50 लोगों की जांच व 225 मरीजों को दवाएं वितरित की गई हैं। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से 55 कुंटल भूसा पहुंचाया गया है और 485 पशुओं को राहत देने के प्रयास जारी हैं। सिरौलीगौसपुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर शुक्रवार दोपहर 106.600 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 106.070 मीटर से 53 सेंटीमीटर ऊपर है।

तराई क्षेत्र के गांवों जैसे तेलवारी, गोबरहा, सनावा, टेपरा पासिन, टेपरा कुर्मिन आदि में जलभराव से हालात बिगड़ गए हैं। व जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अन्य आलाधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। ग्रामीणों को सतर्क रहने और बच्चों को जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रखने की सलाह दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों में नावें तैनात की गई हैं।
रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार ग्राम परसादी पुरवा में नायब तहसीलदार तहजीब हैदर, कानूनगो सुशील कुमार व लेखपाल टीम द्वारा 150 लंच पैकेट व तिरपाल का वितरण किया गया। खंड विकास अधिकारी के निर्देशन में सौर ऊर्जा लाइट की व्यवस्था और इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत कराई गई है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सिपाह रोड की मरम्मत के लिए सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी अजीत पटेल व अवर अभियंता आईपी सिंह ने निरीक्षण कर कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।

हालात पर प्रशासन की नजर- डीएम
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि प्रशासन हालात पर नजर रखे हुए है और प्रभावितों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है। जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें तत्काल कार्ड बनवाने के निर्देश जिला पूर्ति अधिकारी को दिए गए हैं। वहीं, नावों की संख्या बढ़ाने और क्षतिग्रस्त पुलियों की मरम्मत के निर्देश भी मौके पर ही दे दिए गए हैं।
