फतेहपुर घटना पर अखिलेश के बयान पर किया पलटवार, बोले ब्रजेश पाठक- सपा-कांग्रेस को दंगामुक्त प्रदेश नहीं हो रहा बर्दाश्त
लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश के फतेहपुर में हुई घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तीखा पलटवार किया है। पाठक ने अखिलेश पर भ्रामक और समाज को बांटने वाले बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस की ''फूट डालो, हुकूमत करो'' की नीति ने दशकों तक देश और प्रदेश को धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर विभाजित किया है।
पाठक ने कहा कि अखिलेश अपने बयानों के जरिए केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे प्रदेश का माहौल खराब हो सकता है। भाजपा कभी भी नफरत फैलाने की राजनीति नहीं करती। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का विजन ''तुष्टिकरण किसी का नहीं, संतुष्टिकरण सबका'' है। ''सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास'' के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के हित में लोक कल्याणकारी नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार के साढ़े आठ साल के शासन में दंगों को पूरी तरह नियंत्रित किया गया है, जो सपा को सहन नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि अखिलेश और उनके सहयोगी बार-बार ऐसी बयानबाजी करते हैं, जिससे सामाजिक तानाबाना टूटने का खतरा पैदा होता है।
फतेहपुर में स्थिति सामान्य, सरकार सतर्क
फतेहपुर के अबू नगर में हुई घटना को लेकर ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। दोनों पक्षों को तथ्यों से अवगत कराकर स्थिति को नियंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि 10 पुलिस स्टेशनों की टीमें, पीएसी और प्रशासन की तैनाती से शांति और एकता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने दावा किया कि फतेहपुर में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और पुरानी संरचना पर दावा करने वाले लोग शांतिपूर्ण तरीके से तितर-बितर हो गए हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करने की अपील की।
सपा पर हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ावा देने का आरोप
उप मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ावा देकर वोट बैंक मजबूत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अखिलेश जैसे नेता अफवाहें फैलाकर अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भाजपा समाज को जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का लक्ष्य हर हाल में कानून का राज स्थापित करना और सुशासन को बढ़ावा देना है।
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