अखिलेश दुबे सिंडिकेट का पर्दाफाश, लड़कियों के सहारे वसूली का गंदा खेल

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Published By Vinay Shukla
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फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश तेज, टोनू से हो रही पूछताछ 

झूठे मुकदमें दर्ज कराने के लिए टोनू लड़कियां लाता और रिपोर्ट दर्ज कराता था

कानपुर, अमृत विचार : दुष्कर्म के फर्जी मुकदमें दर्ज कराने के लिए अखिलेश दुबे सिंडिकेट को लड़कियां उपलब्ध कराने वाला शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू को पुलिस ने नौबस्ता बाइपास से दबोच लिया है। चर्चा यह भी रही कि भाजपा नेता रवि सतीजा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला की भी गिरफ्तारी हुई है, लेकिन डीसीपी साउथ ने इस चर्चा को खारिज किया। टोनू की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ चालू है। वहीं क्राइम ब्रांच टीम लगातार सिंडिकेट से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश तेज कर दी है। 

रंगदारी-वसूली के मामले में जेल गए अखिलेश दुबे व उनके सहयोगी लवी मिश्रा के बाद पुलिस ने फरार सिडिंकेट के आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। मुकदमें में फरार आरोपी उस्मानपुर निवासी शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू की गिरफ्तारी व पूछताछ में सामने आया कि वह अखिलेश दुबे को उस्मानपुर कच्ची बस्ती में रहने वाली लड़कियां रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उपलब्ध कराता था। अखिलेश के इशारे पर फर्जी दुष्कर्म की रिपोर्ट कराता और फिर रंगदारी मांगने का खेल शुरू होता। अखिलेश की गिरफ्तारी के बाद टोनू व रिपोर्ट दर्ज कराने वाली लड़कियां गायब थी। जिनकी तलाश में क्राइम ब्रांच की लगी थी और सफलता मिली। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 16 अगस्त से डीसीपी साउथ के नेतृत्व में पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है। पूछताछ में टोनू ने कई राज खोले हैं। पुलिस को पता चला कि एसआईटी गठित होते ही मुकदमा दर्ज कराने वाली व सिंडिकेट से जुड़ीं कई लड़कियों को प्रदेश से बाहर भेज दिया गया है। मोटी रकम देकर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है और सिंडिकेट के किसी मेंबर से फोन पर बात न करने की पाबंदी है। अब पुलिस टीम उन लड़कियों व महिलाओं की बरामदगी के लिए कई जिलों में सुरागरसी शुरू की है। डीसीपी साउथ ने बताया कि जल्द दुष्कर्म के झूठे मुकदमें दर्ज कराने वाला सिंडिकेट का खुलासा होगा। 

रिपोर्ट दर्ज कराने को देते थे 50 हजार से दो लाख  : पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अखिलेश दुबे लड़कियों को झूठा रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए 50 हजार से दो लाख रुपये तक देते। नाबालिगों को कई बार पाल लाख तक दिए। इन मामलों में किसी भी लड़की का पता दर्ज नहीं किया जाता था। कोर्ट की मदद से झूठे मामले दर्ज होते। ज्यादातर मामले धन से संपन्न लोगों पर वसूली और जमीन हड़पने के लिए दर्ज कराए गए। पैरवी करने वाले वकीलों की भी पड़ताल और पता लगाया जा रहा है। 

संदिग्धों की भूमिका की जांच कर रही पुलिस : अखिलेश दुबे सिंडिकेट से जुड़े एक कथित पत्रकार की भूमिका की भी जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला संगठन की एक जिलाध्यक्ष भी है। पुलिस के अनुसार इसकी जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट दर्ज कराकर उसे भी जेल भेजा जाएगा। 

रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला गैंग का भी होगा खुलासा : पुलिस की जांच में दुष्कर्म के कई झूठे मामले सामने आने पर पुलिस ने इस दिशा में भी जांच तेज कर दी है। अखिलेश दुबे के संपर्क में रहकर झूठे मुकदमें दर्ज कराने वाली लड़कियों व महिलाओं के बारे में पता किया जा रहा है। टोनू से पूछताछ के बाद पुलिस जल्द ही झूठे मामले दर्ज कराने वाली लड़कियों व महिलाओं के गैंग का खुलासा करेगी।

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