करबला शहीदों के चहेल्लुम पर छुरियों से मातम, ताजिये सुपुर्द-ए-खाक
कानपुर, अमृत विचार। करबला में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर कानपुर दक्षिण में नौहाख्वानी, कुरानख्वानी, लंगर, मजलिस और छुरियों से मातम हुआ। दूर दराज से ताजिया जुलूस बगाही पहुंचे और बगाही करबला में ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
शनिवार को रातभर इमामबाड़ों पर ताजिये रखे रहे, जहां फातिहा पढ़ने वालों को भीड़ पहुंची। रविवार को दोपहर एक बजे के बाद जूही लाल कालोनी, जूही सफेद कालोनी, बेगमपुरवा, बाबूपुरवा, अजीतगंज, बाकरगंज, ट्रांसपोर्ट नगर, ढकना पुरवा और कर्नलगंज स्थित गम्मू खां हाता से भी ताजिया जुलूस बगाही पहुंचा। इस दौरान ताजिया की जियारत करने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। देर शाम तक बगाही करबला में ताजिये दफनाये जाते रहे।
सुजातगंज से छुरियों से मातम करते पहुंचा जुलूस
रविवार को अंजुमन खुद्दाम मुसलमीन की ओर से दोपहर 2 बजे सुजातगंज से मातमी जुलूस निकाला गया। जुलूस के पहले जैदी मैदान में मौलाना फिरोज हैदर रिजवी ने मजलिस पढ़ा। उसके बाद सुजातगंज से बगाही करबला के लिए छुरियों से मातम करते हुए मजलिस पढ़ते हुए अकीदतमंदों का काफिला रवाना हुआ और देर रात बगाही पहुंचा। इस दौरान जिया जैदी, कमर जैदी, समर, तनवीर जैदी, हसन रजा, काजिम अब्बास, नजर अब्बास, अतहर अब्बास, मोहम्मद अब्बास आदि थे।
कांग्रेस ने शिविर लगाया, 5 बच्चे परिजनों को सौंपा
बगाही ईदगाह में कांग्रेस के पूर्व पार्षद इजहारुल अंसारी, मोहम्मद शकील, इखलाक अंसारी आदि के द्वारा मेले में कैंप लगाया गया जिसमें मेले में खोने वाले 5 बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा गया। इस अवसर पर कानपुर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पवन गुप्ता, पूर्व विधायक सुहैल अंसारी, नफीस अंसारी, एहतेशाम सिद्दीकी, नौशाद आलम मंसूरी, लल्लन अवस्थी आदि मौजूद रहे।
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