प्रयागराज बाढ़ : गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पास, 2000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में शरणार्थी बने

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज,  अमृत विचार : गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रयागराज में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गुरुवार सुबह सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक नैनी में यमुना 84.9 मीटर और फाफामऊ में गंगा 84.39 मीटर पर पहुंच गई हैं। खतरे का निशान 84.734 मीटर है। पानी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन खतरा टला नहीं है।

2000 से अधिक लोग पहुंचे राहत शिविरों में

शहर की निचली बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। करीब तीन दर्जन मोहल्लों और गांवों के हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने छह राहत शिविर खोले हैं, जिनमें बुधवार रात तक 2000 से अधिक लोग पहुंच चुके हैं। 

सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके

अशोक नगर, नेवादा, राजापुर, बेली, सलोरी और बघाड़ा में हालात सबसे खराब हैं। कछारी इलाकों के नालों में भी पानी भर गया है, जिससे घरों में जलभराव हो गया है। लोग सामान ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट कर रहे हैं और बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं।

प्रशासन की अपील

अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ का असर एक हफ्ते तक रह सकता है। इसलिए प्रभावित इलाकों में लगातार माइक से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। खतरे के निशान से महज कुछ ही सेंटीमीटर दूर दोनों नदियों का जलस्तर, हालात और बिगड़ने की आशंका।

प्रभावित गांव और मोहल्ले

सदर तहसील : कछार मऊ, मऊ सरैया, राजापुर देह माफी, बघाड़ा, नेवादा, बेली कछार, बेली उपरहार, मेंहदौरी, सलोरी, शिवकुटी, म्योराबाद, दारागंज।

  • फूलपुर : सोनौटी, बदरा, लीलापुर, धोकरी।
  • करछना : देहली, भगेसर।
  • सोरांव : फाफामऊ, गंगानगर।
  • मेजा : अमिलिया, झरियारी।

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