लखीमपुर खीरी : ट्रांसफर के बाद भी ड्यूटी पर डटी नर्स, अधीक्षक को बुलानी पड़ी पुलिस

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बेहजम, अमृत विचार। सीएचसी बेहजम में तैनात महिला संविदा स्टाफ नर्स कुसुम लता वर्मा पर गंभीर आरोप लगने के बाद सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने उनका ट्रांसफर ईशानगर सीएचसी कर दिया था। अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने उन्हें रिलीव भी कर दिया। इसके बावजूद नर्स लेबर रूम में ड्यूटी करने पर अड़ी रही।

मरीजों और परिजनों ने कई बार अधीक्षक से शिकायत की थी कि स्टाफ नर्स न सिर्फ प्रसव पीड़ित महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करती है। बल्कि सामान्य मामलों को भी प्राइवेट नर्सिंग होम रेफर कर देती है। आरोप यह भी है कि वह डिलीवरी कराने के एवज में अवैध वसूली करती थी और राशि का बंटवारा भी करती थी। 

अधिकारियों का कहना है कि कुसुम लता वर्मा ने मंत्र साइट पर प्रसव पीड़ित महिलाओं का डाटा समय से फीड नहीं किया, जिससे मरीजों का भुगतान आधार में अटका रहा। इससे स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में लगातार गिरावट आ रही थी। उच्चाधिकारियों ने इस लापरवाही पर सीएचसी अधीक्षक को कई बार फटकार भी लगाई।

पुलिस हस्तक्षेप के बाद भी नर्स नहीं हटी
रिलीव आदेश के बावजूद नर्स ड्यूटी करने लगी तो अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने बेहजम पुलिस चौकी को पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की। चौकी इंचार्ज सिद्धार्थ पवार महिला दरोगा के साथ अस्पताल पहुंचे और नर्स को समझाने की कोशिश की, मगर वह लेबर रूम से बाहर जाने को तैयार नहीं हुई। आखिरकार पुलिस वापस लौट गई। 

सीएचसी अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि हमने नर्स को रिलीव कर दिया है। अब यह मामला सीएमओ स्तर का है। हम अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा चुके हैं, आगे जो निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा। ग्रामीणों और मरीजों में इस घटना को लेकर चर्चा बनी हुई है। आरोप है कि स्टाफ नर्स की वजह से सीएचसी पर सरकारी प्रसव आंकड़े घट रहे हैं, जबकि प्राइवेट नर्सिंग होम के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

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