निजीकरण का स्वत: संज्ञान ले नियामक आयोग, उड़ीसा की तर्ज पर करे कार्रवाई

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार । विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र. ने उड़ीसा की तर्ज पर प्रदेश में राज्य विद्युत नियामक आयोग से स्वतः संज्ञान लेकर निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करने की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। संघर्ष समिति ने कहा कि उड़ीसा में बिजली आपूर्ति कर रही निजी कंपनी टाटा पावर की उपभोक्ता सेवा बदहाल है।

उड़ीसा के विद्युत नियामक आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि निजीकरण का विनाशकारी परिणाम को देखते हुए वहां के आयोग ने सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख तय की है।

संघर्ष समिति ने बताया कि उड़ीसा के सभी उपभोक्ता फोरमों की ओर से किशोर पटनायक ने 16 अगस्त को टाटा पावर की चारों विद्युत वितरण कंपनियों के विरुद्ध उपभोक्ता सेवा में पूरी तरह अक्षम रहने व उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। संघर्ष समिति ने घोषणा की कि निजीकरण के विरोध में सितंबर में किसानों, गरीब व मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों के सम्मेलन प्रदेशभर में किए जाएंगे।

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