UPPSC की परीक्षा घोटाले पर सरकार सख्त, अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा 2010 में हुई अनियमितता की हो रही CBI जांच
लखनऊ, अमृत विचार: राज्य सरकार उप्र. लोक सेवा आयोग के परीक्षा घोटाले को लेकर चल रही जांच की सख्ती के साथ समीक्षा करने जा रही है। मुख्य सचिव दीपक कुमार जिम्मेदार अफसरों के साथ सोमवार को बैठक कर सीबीआई जांच की प्रगति समझेंगे। प्रकरण उप्र. लोकसेवा आयोग की अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में धांधली की सीबीआई जांच से जुड़ा है।
इस मामले में संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन अशोक कुमार मिश्र की ओर से 29 अगस्त को जारी पत्र में सचिव लोक सेवा आयोग, निदेशक सीबीआई और पुलिस अधीक्षक सीबीआई भ्रष्टाचार निवारण को बुलाया गया है। उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक सचिवालय स्थित कृषि उत्पादन आयुक्त के सभा कक्ष में सोमवार को तीन बजे तय है। इस आशय का पत्र प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव कार्मिक, शिकायतकर्ता प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय समेत अन्य को भी भेजा गया है।
इससे पूर्व सीबीआई निदेशक ने 26 मई 2025 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपर निजी सचिव भर्ती घोटाले में लोक सेवा आयोग के असहयोग पर असंतोष व्यक्त किया था और भर्ती घोटाले के आरोपी आयोग के तीन अधिकारियों के विरुद्ध जांच की अनुमति दिलाने का अनुरोध किया था। आयोग ने 25 जून को अपने अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की अनुमति सीबीआई को दी थी। अवनीश पांडेय का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर सात साल से लंबित इस जांच को प्राथमिकता पर पूरी कराकर प्रभावित अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलाने की मांग रखी थी।
अवनीश पांडेय का कहना है कि इस भर्ती में अधिकांश अभ्यर्थियों के चयन गंभीर धोखाधड़ी से किया गया हैं। इसलिए सीबीआई के स्तर पर एक एसआईटी गठित करके इस भर्ती की जांच प्राथमिकता पर पूरी कराकर प्रभावित अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलाया जाना चाहिए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वो सीबीआई जांच में सहयोग करेगी और अनैतिक तरीके से चयनित अभ्यर्थियों को अविलम्ब निलंबित करके उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी।
