बाराबंकी: राज्य अध्यापक पुरस्कार 2024 से सम्मानित हुईं शिक्षिका लक्ष्मी सिंह, समर्पण और नवाचार की बनीं मिसाल

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Published By Deepak Mishra
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समर्पण और नवाचार की बनीं मिसाल, बदली अपने विद्यालय की तस्वीर

बाराबंकी, अमृत विचार। बाराबंकी जिले  की शिक्षिका लक्ष्मी सिंह ने अपनी मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचते हुए जिले का नाम रोशन किया है। राज्य अध्यापक पुरस्कार 2024 के लिए चयनित होकर उन्होंने बाराबंकी का गौरव बढ़ाया। लखनऊ स्थित लोक भवन में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी द्वारा उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।

लक्ष्मी सिंह वर्तमान में कंपोजिट विद्यालय मनेरा में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 10 फरवरी 2009 को प्राथमिक विद्यालय खुटौली से अध्यापन की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में ही उनकी कार्यकुशलता और समर्पण को देखते हुए उन्हें विद्यालय का प्रभार सौंपा गया। वहां उन्होंने न सिर्फ बच्चों को खेलकूद और अन्य प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।

20 जुलाई 2011 को लक्ष्मी सिंह ने प्राथमिक विद्यालय मनेरा में कार्यभार ग्रहण किया। उस समय विद्यालय की स्थिति बेहद जर्जर थी। लेकिन अधिकारियों और ग्राम प्रधान के सहयोग से उन्होंने विद्यालय की सूरत पूरी तरह बदल दी। अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई की शुरुआत कर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा। फर्नीचर, स्मार्ट क्लास, लैपटॉप, मोबाइल और स्मार्ट टीवी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराईं।

अभिभावकों से निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए स्कूल डायरी का वितरण किया और डोर-टू-डोर अभियान चलाकर नामांकन भी लगातार बढ़ाया। लक्ष्मी सिंह के प्रयासों से विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आया। उनके मार्गदर्शन में बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए।

अब तक उन्हें लगभग 33 सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें राज्य स्तरीय आईसीटी अवार्ड 2023 और राज्यपाल द्वारा आईसीटी शिक्षक के रूप में प्रशंसा पत्र भी शामिल है। उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की कायाकल्प योजना के अंतर्गत विद्यालय को 19 बिंदुओं पर संतृप्त किया गया है। ग्राम प्रधान और अभिभावकों के बीच मजबूत समन्वय स्थापित कर उन्होंने शिक्षा को एक नई दिशा दी है।

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