रामपुर : सहायक लेखाकार को रिवर्ट कर बनाया चतुर्थ वर्ग कर्मचारी

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
On

18 साल के अधिक वेतन भुगतान की रिकवरी होगी

रामपुर, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखा अनुभाग में कार्यरत सहायक लेखाकार की दो पदोन्नति निरस्त करते हुए उसे फिर से चपरासी के पद पर तैनात किया गया है। कर्मचारी से प्राप्त की गई उच्च पद की सैलरी की भी रिकवरी होगी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थित वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात कार्मिक नेगपाल सिंह ने सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत रहते हुए अपनी पत्नी ज्ञानेश्वरी सिंह को शिक्षिका के पद पर नियुक्ति करा ली थी तथा उसे लाखों रुपए का वेतन का भुगतान कराया था। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता द्वारा जिला अधिकारी से फर्जी नियुक्ति की शिकायत की गई थी जो जांच में सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर नेगपाल सिंह को निलंबित करने की संस्तुति की।पता चला कि उसका नाम सहायक लेखाकारों की सूची में नहीं है। इसके बाद 16 जनवरी 2025 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। शासन द्वारा 29 जुलाई 2025 में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक लखनऊ में अपर मुख्य सचिव वित्त  दीपक कुमार की अध्यक्षता में बुलाई गई थी जिसका कार्यवृत्त 4 अगस्त 2025 को जारी हुआ जिसमें नेगपाल सिंह की दोनों पदोन्नति करने वाले लेखा अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने, उससे रिकवरी करने तथा उसे मूल पद पर वापस करने का आदेश दिया गया। नेगपाल सिंह की पहली पदोन्नति 18 अप्रैल 2018 को 23 जुलाई 2007 की बैक डेट से अनिल कुमार सिंह ने और दूसरी पत्नी 10 अक्टूबर 2018 को 23 जुलाई 2014 की बैक डेट से कन्हैयालाल सारस्वत ने की थी। अनिल कुमार सिंह इस समय कासगंज में वरिष्ठ कोषाधिकारी तथा कन्हैयालाल सारस्वत संभल में वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के पद पर कार्यरत है। वित्त एवं लेखा अधिकारी विकास खंडेलवाल ने सोमवार को नेगपाल सिंह की दोनों पदोन्नति निरस्त कर उसे मूल पद चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के पद पर रिवर्ट कर दिया है। अब उसे इसी पद का वेतन दिया जाएगा तथा पूर्व में लिया गया अधिक भुगतान की रिकवरी का आदेश अलग से जारी किया जाएगा।

संबंधित समाचार

टॉप न्यूज