किस्सा रहस्य
मनीष को अपनी दुकान में समय से पहुंचना होता था। आज सुबह से बारिश होने के कारण उसे दुकान के लिए निकलने में देर हो गई। वह सोच रहा था कि दुकान अभी तक बंद होगी। रामप्रसाद तो अभी पहुंचा ही नहीं होगा। अतः उसने मोबाइल से रामप्रसाद से संपर्क किया तो पता चला कि वह दुकान में मौजूद है। यह सुनकर उसे घोर ताज्जुब हुआ कि इतनी बरसात में वह समय पर कैसे पहुंच गया? वह काम पर सदा देर से आता था, जिसके लिए वह कई बार झिड़कियां सुन चुका था और मनीष उसे हटाने का भी निर्णय ले चुका था।
वह दुकान में पहुंचा तो उसने देखा कि दुकान की अच्छी तरह सफाई हो चुकी थी। दुकान में कोई ग्राहक नहीं था और रामप्रसाद स्टूल पर बैठा ऊंघ रहा था। अपनी कुर्सी पर बैठते हुए मनीष ने उससे पूछा,“रामप्रसाद! मुझे यह बताओ कि पहले तो तुम हमेशा लेट से आते थे, लेकिन आजकल इतनी जल्दी कैसे आ रहे हो?
बरसात में प्रायः लोगों को अपने कार्यस्थल पर पहुंचने में देर हो जाती है। तुम्हारे सवेरे पहुंचने का क्या कारण है?” यह सुनकर रामप्रसाद ने कहा , “मालिक! क्या बताऊं? जब बारिश होती है तो मेरी छत टपकने लगती है और मैं रात-भर बैठकर सवेरा करता हूं। कमरे में चारों ओर सीलन भरी हुई है। इसीलिए सवेरे उठकर चल देता हूं। यहां रहता हूं ,तो कम-से-कम भींगता तो नहीं हूं।-अंजना वर्मा
