मेडिकल कॉलेज निर्माण में घोटाले का आरोपी गिरफ्तार : फर्जी बिल बाउचर लगाकर कराया था 17.51 करोड़ का भुगतान

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार । आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण में घोटाले के आरोपी कारोबारी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दो वर्ष पूर्व बहराइच में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इस मामले में राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियर समेत कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

ईओडब्ल्यू के अधिकारी के मुताबिक, महाराजा सुहैल देव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बहराइच के निर्माण में हुए घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने शनिवार को सुल्तानपुर के कादीपुर स्थित मगरावां पेट्रोल पंप के पास से राजमणि वर्मा को गिरफ्तार किया। राजमणि विजैथुआ में कमला ट्रेडर्स के नाम से फर्म चलाता है।

इस फर्म के नाम से फर्जी बिल बाउचर बनाया गया और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि. के अधिकारियों की मिलीभगत से 17.51 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इस मामले में अक्टूबर 2023 को एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें इंजीनियरों, लेखाधिकारी, प्रोजेक्ट मैनेजरों समेत 40 प्रतिष्ठानों को आरोपी बनाया गया है।

96 फर्जी बिल-बाउचर लगा कराया गया भुगतान

निर्माण के दौरान इन सभी ने निर्माण कार्यों के लिए निगम की बहराइच इकाई को उपलब्ध करवाये गये सरकारी धन को अवैध रूप से हड़पने के उद्देश्यय से षडयंत्र कर बिना खरीद किये गये 96 फर्जी बिल बाउचर दस्तावेजों में लगाये। इस षडयंत्र में कुल 17 करोड़ 51 लाख रुपये का फर्जी भुगतान करवाया गया था। जांच में दोषी पाये जाने पर विनोद कुमार सिंह तत्कालीन इकाई प्रभारी, एचपी भट्ट तत्कालीन सहायक अभियंता सिविल को तत्काल प्रभाव से निगम प्रबंधन द्वारा निलंबित कर दिया गया था।

मामले में विशेष जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें जीसी चतुर्वेदी तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक, प्रदीप कुमार अग्रवाल तत्कालीन लेखाकार सेवानिवृत्त, एसपी भट्ट तत्कालीन सहायक अभियंता सिविल, रामआधार सिंह तत्कालीन उपअभियंता सिविल, विनोद कुमार सिंह इकाई प्रभारी, मेसर्स अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी, मेसर्स अग्रवाल एजेंसी, मेसर्स आयरन एंड स्टील, प्रो. कमला ट्रेडर्स, मेसर्स जैन आयरन स्टोर आदि एवं अन्य कर्मचारी राजकीय निर्माण निगम समेत कई लोग आरोपी बनाये गये। इस मामले में अब तक आधा दर्जन से अधिक आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। अन्य की तलाश की जा रही है।

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