इतिहास के पन्नों में दो और नौ के बाद अब 25 नवंबर भी होगी दर्ज, 90 में विवादित ढांचे पर कारसेवकों ने फहराया था भगवा ध्वज

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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सत्यप्रकाश/ अयोध्या, अमृत विचार। रामनगरी के इतिहास के पन्नों में दो और नौ नवंबर के बाद अब 25 नवंबर भी दर्ज होगी। राम जन्मभूमि मंदिर के विवादित ढांचे पर 2 नवंबर 1990 में कारसेवकों ने भगवा ध्वज फहराया था। इसके बाद चले लंबे संघर्ष और न्यायालय की सुनवाई में 30 साल के बाद 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। अब 25 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर निर्माण के बाद ध्वजारोहण करेंगे। जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। राम मंदिर में पांच दिवसीय अनुष्ठान के साथ कार्यक्रम शुरू होगा।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शर्मा ने कहा कि नवंबर महीना अयोध्या के लिए बेहद खास है। राम मंदिर पर दूसरी बार यह अवसर होगा जब हजारों राम भक्तों के बीच शिखर पर भगवा ध्वज फहराया जाएगा। 1990 में हजारों कारसेवकों के बीच राम भक्तों ने उसे विवादित ढांचे पर चढ़कर भगवा ध्वज लहराया था। इस दौरान उसे विवादित ढांचे के नीचे भी भगवान श्री रामलला विराजमान थे। वर्तमान में मोदी सरकार के नेतृत्व में भव्य मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोगों ने राम मंदिर के संघर्ष और कारसेवकों पर गोली चलाकर नरसंहार की घटना देखी। अब एक बार फिर राम जन्मभूमि परिसर में भव्य आयोजन के साथ ध्वजारोहण का कार्यक्रम संपन्न होगा। इस कार्यक्रम को भी पूरी दुनिया देखेगी। साधु-संत अयोध्या वासी सहित हजारों की संख्या में लोग इस आयोजन के गवाह भी बनेंगे।

- 2 नवंबर 1990 में विवादित ढांचे पर कारसेवकों ने फहराया था ध्वज।
- 2 नवंबर 2019 में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला।
- 25 नवंबर 2025 में पीएम मोदी करेंगे ध्वजारोहण।

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