नहीं भरूंगी फॉर्म...सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने SIR को बताया लोकतंत्र पर हमला, कहा-मताधिकार से वंचित करने की साजिश

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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गोंडा, अमृत विचार: अपना दल कमेटीवादी पार्टी की नेता व सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पल्लवी पटेल ने एसआईआर को केंद्र सरकार का जुमला बताते हुए कहा कि यह इसका उद्देश्य किसी के साथ न्याय करना नहीं है, किसी का नाम ऐड करना नहीं है, एक जातिगत आंकड़े निकालने का नहीं है ,बल्कि यह दूर दराज के दलित, पिछड़े, मजदूरों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है‌ और यह लोकतंत्र पर हमला है। खुद के एसआईआर फॉर्म भरने के सवाल पर पल्लवी ने कहा कि मैं एसआईआर फार्म नहीं भरूंगी‌। मेरे पास पहले से वैलिड डॉक्युमेंट हैं जो भारत सरकार के तरफ से जारी किए गये हैं। 

सरदार पटेल संस्थान में आयोजित पार्टी संगठन की बैठक में शामिल होने पहुंची पल्लवी पटेल ने एसआईआर को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध पर कहा कि विपक्ष इसलिए हमलावर है क्योंकि कहीं न कहीं हमें उनकी नियत पर शक है और इसलिए कि जिस भी प्रदेश में चुनाव की घोषणा हो रही है और जहां से उन्हें ज्यादा से ज्यादा सीट हासिल करनी है वहां वहां एसआईआर प्रक्रिया को गति दी जा रही है। सबसे इंपोर्टेंट चीज़ यह है कि सरकार का जो प्रेशर जो बीएलओ पर है या जो चुनावी प्रक्रिया में लगे हैं जिस प्रकार का प्रेशर उनके ऊपर है कहीं न कहीं यह अमानवीय है।‌

2003 की मतदाता सूची में जिनके नाम नहीं है जो अवैध रूप से यहां आ गए हैं, या फिर यहां के रहने वाले नहीं है के सवाल पर पल्लवी ने कहा कि आप कैसे यह तय करेंगे कि कौन यहां का रहने वाला नहीं है। जिस व्यक्ति ने अपनी पूरी जिंदगी यहां काट दिया, अगर उसके पास कोई दस्तावेज नहीं है तो आप किन आधार पर उनको अवैध करार करेंगे। क्योंकि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात नहीं है। 

भारत देश ग्रामीण अंचल में बसा हुआ देश है। खेत खलिहानों पर आधी से ज्यादा आबादी बसती है और उनके पास अगर उनके पास आप जाएं तो वह ढंग से अपना नाम भी नहीं बता पाएंगे। उनके उम्र को साबित करने वाले कोई दस्तावेज उनके पास नहीं है तो क्या उन तमाम लोगों को जिन्होंने अपनी चार-चार पांच-पांच पीढ़ियां को यहां जन्म दिया है आप उन्हें किस आधार पर अवैध करार देंगे। उन्होने कहा कि एसआईआर ठीक वैसा ही प्रतीत होता है जैसा कि महिलाओं के लिए आरक्षण। 

इसके पहले महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की गई थी लेकिन यह घोषणा सिर्फ कागजों तक सीमित रह गयी इसे  जमीनी स्तर पर नहीं उतारा गया‌। हालांकि उन्होने कहा कि कागज के आधार पर अगर यह सत्यापित होता है कि वह हमारी सीमाओं के अंदर का नहीं है तो निश्चित रूप से उसे आप बाहर करें लेकिन उस व्यक्ति को नहीं जो यहां जन्मों से है और जिसके पेपर की कवायद आपने पूरी नहीं की है। उस व्यक्ति को आप कैसे बाहर कैसे करेंगे। आधार आपको देना पड़ेगा।

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