IIT कानपुर और एनएमडीसी में साइबर सुरक्षा, एआई-एमएल विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी

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Published By Deepak Mishra
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कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और एनएमडीसी लिमिटेड, नवरत्न पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज, जो भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ स्टील के अंतर्गत आता है, ने मिलकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसका उद्देश्य साइबरसिक्योरिटी,  इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), डिजिटल ट्रॉसफॉर्मेशन और अगली पीढ़ी की तकनीकों पर मिलकर काम करना है, जिससे एमएमडीसी के IT और OT सिस्टम्स को और मजबूत और सक्षम बनाया जा सके।

यह MoU एनएमडीसी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) श्री सत्येन्द्र राय और आईआईटी कानपुर के अनुसंधान एवं विकास डीन द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्ट लीड्स, तथा एनएमडीसी और आई-हब NTIHAC फाउंडेशन (C3iHub) के अधिकारी मौजूद रहे।

इस समझौते के तहत, आईआईटी कानपुर का C3iHub एनएमडीसी को साइबर रिस्क असेसमेंट, सुरक्षा खामियों की पहचान, सुरक्षा प्रबंधन, घटना प्रतिक्रिया योजना और सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (SOC) मॉडल के मानकों को मजबूत करने में सहायता करेगा। साथ ही, एआई/एमएल आधारित समाधान, डिजिटल ट्विन्स, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस और एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से खनन क्षेत्रों में परिचालन दक्षता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

समझौते के दौरान प्रो. मणींद्र अग्रवाल, निदेशक, आईआईटी कानपुर ने कहा, “आईआईटी कानपुर में हमारे पास साइबर सुरक्षा और एआई के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व की चुनौतियों पर कार्य करने का अच्छा अनुभव है। यह साझेदारी एनएमडीसी के संचालन में साइबर सुरक्षा को और मजबूत करेगी तथा एआई, मशीन लर्निंग और स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिस्टम्स के विकास को प्रोत्साहित करेगी, विशेषकर खनन क्षेत्र में।”

आईआईटी कानपुर और एनएमडीसी मिलकर अनुसंधान, क्षमता निर्माण कार्यक्रम और तकनीकी पायलट परियोजनाएं चलाएंगे। सफल परिणामों को बड़े स्तर पर लागू करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। यह सहयोग भारत के खनन क्षेत्र में साइबर सुरक्षा और डिजिटल परिवर्तन को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम है।

आईआईटी कानपुर के बारे में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, जिसकी स्थापना 1959 में संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी, को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त होने का गौरव प्राप्त है। विज्ञान और अभियांत्रिकी शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए विख्यात, आईआईटी कानपुर ने दशकों से अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसका विशाल, हरा-भरा परिसर 1,055 एकड़ में फैला है और इसमें शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों की एक समृद्ध श्रृंखला मौजूद है। संस्थान में 20 विभाग, 27 केंद्र, तीन अंतःविषय कार्यक्रम और इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिज़ाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में तीन विशिष्ट स्कूल शामिल हैं। 570 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्यों और 9,500 से अधिक विद्यार्थियों के साथ, आईआईटी कानपुर नवाचार और शैक्षणिक दक्षता को बढ़ावा देने में अग्रणी बना हुआ है।

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