योगी सरकार की डिजिटल क्रांति : गांव में होगी सिविल सर्विसेज की तैयारी, 35 जिलों में किया गया पुस्तकों का चयन
- हर लाइब्रेरी को हाइटेक बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये के आईटी इक्यूपमेंट और 70 हजार के फर्नीचर लिए जाएंगे - पहले चरण में 11350 पंचायतों में चार लाख रुपये प्रति लाइब्रेरी के हिसाब से होगा खर्च - दो लाख रुपये की किताबें रहेंगी, जिसमें छात्रों के लिए रहेंगे 20 हजार डिजिटल कंटेंट
लखनऊ, अमृत विचार : राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को आधुनिक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी का अवसर देने को खास पहल की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहले चरण में प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, जिससे गांव के छात्र अब शहरों पर निर्भर हुए बिना सिविल सर्विसेज सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
हर डिजिटल लाइब्रेरी पर 4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 2 लाख रुपये की पुस्तकों की व्यवस्था होगी, जबकि 1.30 लाख रुपये के आईटी इक्यूपमेंट और 70 हजार रुपये के आधुनिक फर्नीचर लिए जाएंगे। लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, ऑडियो कंटेंट, क्विज और करीब 20 हजार डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध रहेगी।
पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और युवा रोजगार के लिए अधिक सक्षम बन सकेंगे। डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन ग्राम प्रधान और सचिव करेंगे, जबकि सहायक अधिकारी इसकी नियमित देखरेख करेंगे।
पुस्तकों का चयन करने वाले 35 जिले
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 35 जिलों में पुस्तकों का चयन पूरा कर लिया गया है। राजधानी लखनऊ समेत इन जिलों की ग्राम पंचायतों में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी शुरू होंगी। इसके तहत अमरोहा, आजमगढ़, बांदा, बलिया, बागपत, बदायूं, बरेली, बिजनौर, चित्रकूट, एटा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज, कौशांबी, कासगंज, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, संभल, शामली, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, सीतापुर जिले शामिल हैं।
