चेक पोस्ट को चकमा देकर शहर में प्रवेश कर रहीं डग्गामार बसें, परिवहन मुख्यालय से मात्र एक किमी दूरी पर हो रही संचालित
किसान पथ से देवा रोड होकर मटियारी पुलिस चौकी होते हुए शहर में प्रवेश करती है बसें
अमित कुमार पाण्डेय, लखनऊ, अमृत विचारः अयोध्या रोड से लखनऊ शहर के भीतर प्रवेश करने वाली डग्गामार बसों का अवैध संचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस और परिवहन विभाग की निगरानी के बावजूद ये बसें चेक पोस्ट को चकमा देकर विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से शहर में प्रवेश कर रही हैं। बुधवार को अमृत विचार की पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिससे प्रवर्तन व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बुधवार दोपहर करीब 1 बजकर 25 मिनट पर इंदिरा नहर पर लगे चेक पोस्ट बैरियर पर पुलिस द्वारा रोकने के प्रयास के बावजूद कई डग्गामार बसें पहले रूट के तहत किसान पथ पर चढ़ती देखी गईं। यहां से ये बसें देवा रोड, आरटीओ कार्यालय के सामने से गुजरते हुए अपट्रान पुलिस चौकी क्षेत्र और मटियारी पुलिस चौकी के पास से वाया मुड़कर रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने बने कट से दाहिने यूटर्न लेकर अयोध्या मार्ग के जरिए शहर में दाखिल हो रही हैं। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा संचालन परिवहन मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर दूर शनि मंदिर क्षेत्र से हो रहा है, बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इन बसों पर नहीं पड़ रही है।
डग्गामार बसों का दूसरा प्रमुख रूट भी सामने आया है। ये बसें किसान पथ से रेगुलेटर मार्ग, सतरिख रोड, टेराखास क्रॉसिंग पार कर चिनहट कस्बा पुलिस चौकी क्षेत्र से होती हुई कटौता झील और हाईकोर्ट के पीछे से शहर में प्रवेश कर रही हैं। इन बसों के जरिए बस्ती, देवरिया, फैजाबाद, गोरखपुर सहित कई जिलों से सवारियां ढोई जा रही हैं। पड़ताल के दौरान कई बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर जानबूझकर छिपाए गए पाए गए। एक बस पर ‘घप्पू सिंह देवगढ़’ लिखा मिला, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 42 सीटी 4143 था, जिसे पीछे से एंगल लगाकर छुपाया गया था। एक अन्य बस के पीछे ‘सौरभ’ लिखा था, जिसका नंबर यूपी 43 बीटी 5027 हल्का और अस्पष्ट था। देवा रोड से गुजर रही एक बस का नंबर यूपी 42 एटी 9129 पीछे की बजाय साइड में लिखा मिला। वहीं लखनऊ से अयोध्या जा रही ‘वैभव मेल’ बस का पूरा रजिस्ट्रेशन एंगल से ढका हुआ था, जिसमें नंबर प्लेट पर केवल यूपी 51 ही दिखाई दे रहा था।
समय-समय पर अभियान चलाये जाते है। अगर शहर में इस तरीके की बसें संचालित हो रही हैं। जिसके नंबर छिपे हुए हैं। या फिर उनके पास ऐसा कोई परमिट नहीं है। जिसके आधार पर शहर के अंदर इस तरह के वाहन संचालित हों, अगर करते हुए पाए जाते हैं तो मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन में जांच कर दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रभात पांडेय,आरटीओ प्रवर्तन लखनऊ
इस तरह के वाहनों को रोक कर कार्रवाई की जाएगी जिसमें चालान के साथ सीज की भी कार्रवाई की जा सकती है।
कमलेश दीक्षित,डीसीपी ट्रैफिक लखनऊ।
