एक दिन की खंड विकास अधिकारी बनीं फरीदपुर की श्रद्धा, विकास कार्यों की समीक्षा की

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अमृत विचार, फरीदपुर। मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत मेधावी छात्रा श्रद्धा शर्मा को एक दिन के लिए खंड विकास अधिकारी बनाया गया। श्रद्धा शर्मा कार्यालय 10.30 पर पहुचीं, जिन्हें खंड विकास अधिकारी एमआई खान ने कार्य भार ग्रहण कराया। एक दिन के लिए खंड विकास अधिकारी बनीं श्रद्धा शर्मा ने उपस्थिति पंजिका का अवलोकन कर …

अमृत विचार, फरीदपुर। मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत मेधावी छात्रा श्रद्धा शर्मा को एक दिन के लिए खंड विकास अधिकारी बनाया गया। श्रद्धा शर्मा कार्यालय 10.30 पर पहुचीं, जिन्हें खंड विकास अधिकारी एमआई खान ने कार्य भार ग्रहण कराया।

एक दिन के लिए खंड विकास अधिकारी बनीं श्रद्धा शर्मा ने उपस्थिति पंजिका का अवलोकन कर अनुपस्थित स्टाफ की अनुपस्थिति लगाई तथा समस्त स्टाफ से परिचय किया। श्रद्धा शर्मा ने विकास कार्यों की समीक्षा की। ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेन्द्र सिंह से ग्राम बकैनिया के विकास कार्यों का हाल जाना। तकनीकी सहायक राजेन्द्र पाल से मनरेगा के अंतर्गत हुए कार्यों की विस्तृत जानकारी ली।

एडीओ पंचायत कुलदीप सक्सेना को निर्देश दिया कि पंचायत द्वारा किए जाने वाले कार्यों को निर्धारित मानकों के अनुसार ही कराया जाए। सभी कार्यों को निर्धारित समयावधि में कराया जाए। जूनियर इंजीनियर मालिक अंसारी को निर्देशित किया कि इस्टीमेट बनाने में सरकारी धन का दुरुपयोग होने पर कार्रवाई की जाएगी।

श्रद्धा शर्मा ने विकास खंड में स्थित स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। श्रद्धा शर्मा ने खण्ड विकास अधिकारी एमआई खान के साथ कार्यालय परिसर का भी अवलोकन किया एवं भवन में हो रहे निर्माण कार्य को देखा। खण्ड विकास अधिकारी ने श्रद्धा शर्मा को विदाई के समय स्मृति चिन्ह भेंट कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

एसएसकेवी की टापर रहीं श्रद्धा
श्रद्धा शर्मा ने श्याम सुंदर कन्या इंटर कॉलेज से 2018 में हाईस्कूल एवं 2020 में इंटरमीडिएट में पूरे विद्यायल में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर मेधावी छात्राओं में प्रथम स्थान बनाया था। श्रद्धा शर्मा के पिता ज्ञानेश कुमार शर्मा एवं माता हेमलता शर्मा प्रेरणा पब्लिक स्कूल के संचालक हैं, जो कस्बे में ही स्थित है। श्रद्धा शर्मा भविष्य में प्रशासनिक सेवा में जाकर जनकल्याण करना चाहती हैं। श्रद्धा अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।

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