बरेली: इफ्तार के बाद पढ़नी चाहिए रोजा इफ्तार की दुआ

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हरजत से रोजदारों के लिए बड़ा पैगाम जारी हुआ है। मरकजी दारुल इफ्ता के मुफ्ती ने कहा है कि इफ्तार करने के बाद रोजा खोलने की दुआ पढ़नी चाहिए। दरगाह आला हजरत से मरकजी दारूल इफ्ता के मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूकी ने बताया कि अमूमन लोग मगरिब की अजान सुनकर …

बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हरजत से रोजदारों के लिए बड़ा पैगाम जारी हुआ है। मरकजी दारुल इफ्ता के मुफ्ती ने कहा है कि इफ्तार करने के बाद रोजा खोलने की दुआ पढ़नी चाहिए। दरगाह आला हजरत से मरकजी दारूल इफ्ता के मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूकी ने बताया कि अमूमन लोग मगरिब की अजान सुनकर पहले इफ्तार की दुआ पढ़ते हैं, फिर इफ्तार करते हैं, जबकि दुआ इफ्तार के बाद पढ़नी चाहिए।

दरगाह आला हजरत से बताया गया था कि दुआ रोजा इफ्तार करके पढ़ें। इफ्तार की दुआ (अल्लाहुम्मा लका सुमतु व बिका आमन्तु व अलैका तवक्कलतु व आला रिजकीका अफतरतु) यानी ऐ अल्लाह, मैंने तेरे लिए रोजा रखा और तुझ पर ईमान लाया और तुझ पर भरोसा किया और तेरे ही दिए हुए रिज्क पर इफ्तार किया।

बताया कि मुसलमानों को चाहिए कि इफ्तार के वक़्त बिस्मिल्लाह पढ़कर खजूर या पानी से इफ्तार करें, फिर इफ्तार की दुआ पढ़ें। हदीसे पाक के हवाले से आगे बताया कि इफ्तार का वक़्त दुआ कबूल होने के वाले समय में सबसे बेहतर है। इफ्तार के समय अल्लाह कोई भी दुआ रद नहीं फरमाता। साथ ही सभी से रोजा रखकर कोरोना के खात्मे की दुआ मांगने की अपील की गई।

संबंधित समाचार