बरेली: वर्क फ्रॉम होम के दौरान साइबर अपराधियों से रहें सतर्क

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की वजह से दफ्तर बंद हैं। ज्यादातर कर्मचारियों से घरों से काम लिया जा रहा है। ऐसे में साइबर अपराधियों की नजर वर्क फ्रॉम होम करने वालों पर टिक गई है। साइबर अपराधी लोगों को ईमेल या फिशिंग के जरिए अपने जाल में फंसा रहे हैं। साइबर क्राइम ऑफ इंडिया …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की वजह से दफ्तर बंद हैं। ज्यादातर कर्मचारियों से घरों से काम लिया जा रहा है। ऐसे में साइबर अपराधियों की नजर वर्क फ्रॉम होम करने वालों पर टिक गई है। साइबर अपराधी लोगों को ईमेल या फिशिंग के जरिए अपने जाल में फंसा रहे हैं। साइबर क्राइम ऑफ इंडिया पोर्टल के ट्वीटर हैंडल साइबर दोस्त की ओर से इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है। वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए टिप्स भी जारी किये गए हैं।

वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों को फिशिंग ईमेल पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि साइबर अपराधी सीनियर अधिकारी के नाम से मिलती-जुलती ई-मेल भेजकर जानकारी ले सकते हैं। इसके जरिए वह कोई लिंक भी भेजकर डाटा भी चोरी कर सकते हैं और रुपयों की डिमांड कर सकते हैं। ऐसे में ईमेल खोलने से पहले सही से चेक कर लें और उसके बाद ही लिंक ओपन करें।

वर्क फ्रॉम होम के दौरान इंटरनेट के लिए अलग डिवाइस का इस्तेमाल करें। चैटिंग व अन्य काम के लिए अलग। ऑफिस सिस्टम के लिए सुरक्षित नेटवर्क का भी इस्तेमाल करना चाहिए। वर्क फ्रॉम होम के दौरान जब तक जरूरत न हो तब तक रिमोट एक्सेस को डिसेबल रखना चाहिए। यदि जरूरत है तो सिक्योरिटी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा मीटिंग लिंक्स को भी सोशल मीडया प्लेटफार्म पर सभी के लिए शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके जरिए कोई अनजान व्यक्ति लिंक के माध्यम से कनेक्ट हो सकता है और कम्पयूटर व मोबाइल का डाटा चोरी कर सकता है।

फोन नोटिफिकेशन को भी सुरक्षित करें
वर्क फ्रॉम होम के दौरान अधिकांश लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। इस फोन का वह अन्य काम में भी इस्तेमाल करते हैं। इसमें उनकी निजी जानकारी भी होती है। ऐसे में फोन नोटिफिकेशन को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है। ऐसे में किसी भी अननोन एप के लिए नोटिफिकेशन एक्सेस नहीं देनी चाहिए। किसी भी एप को प्ले स्टोर या अन्य सुरक्षित सोर्स से ही डाउनलोड करना चाहिए।

नकली दवाओं की खरीद से भी सावधान
कोविड काल में साइबर ठग लोगों को अलग-अलग तरीके से झांसे में ले रहे हैं। मदद के अलावा अब दवाई या अन्य नकली उपकरण भी बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि साइबर दोस्त की तरफ से इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने भी इस संबंध में ट्वीट किया है।

उन्होंने लिखा है कि ऑनलाइन नकली दवा बेचने वालों से सावधान रहें। उन्होंने लिखा है कि सोशल मीडिया के जरिए ठग भोले-भाले मरीजों को ठग सकते हैं। ऐसे में दवाइयां सिर्फ भरोसेमंद सोर्स से ही खरीदनी चाहिए और पेमेंट करने से पहले पूरी पड़ताल कर लेनी चाहिए। कोरोना काल में कई शहरों में नकली इंजेक्शन की बिक्री के मामले सामने आ चुके हैं। लोग मदद के लिए सोशल मीडिया पर भी जा रहे हैं। ऑनलाइन भी खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है।

वर्क फ्रॉम होम के नाम पर 7 हजार ठगे
बरेली में भी वर्क फ्राम होम के नाम पर साइबर ठगी का मामला सामने आ चुका है। शुक्रवार को एक शख्स ने साइबर से मामले की फोन पर शिकायत की है। साइबर सेल ने उसे ऑनलाइन शिकायत करने के लिए बोला है। मोहित नाम के युवक ने साइबर सेल को बताया कि उसने वर्क फ्रॉम होम के लिए एक वेबसाइट पर संपर्क किया था।

वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसे दिल्ली से फोन आया और बरेली के सीबीगंज की एक कंपनी में काम करने के लिए बोला। उसके बाद फोन आया, उसने सीबीगंज की कंपनी का अधिकारी बताया। उसके बाद उससे अकाउंट में 7 हजार रुपये डलवा लिए जब काम नहीं मिला तो उसे ठगी का अहसास हुआ।

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