बरेली: 23 दिन के लाकडाउन में दो हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर से कारोबार को बड़ा झटका लगा है। 23 दिन के लाकडाउन में बाजार और इंडस्ट्रियल सेक्टर को दो हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। 31 मई तक यह आंकड़ा तीन चार हजार करोड़ को पार कर सकता है, ऐसी संभावना जताई जा रही है। कारोबारी …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर से कारोबार को बड़ा झटका लगा है। 23 दिन के लाकडाउन में बाजार और इंडस्ट्रियल सेक्टर को दो हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। 31 मई तक यह आंकड़ा तीन चार हजार करोड़ को पार कर सकता है, ऐसी संभावना जताई जा रही है। कारोबारी इससे डरे हुए हैं। आने वाले दिनों में लाकडाउन खुला भी तो व्यापार पटरी पर आने में फिर से करीब एक साल का वक्त लगेगा तब तक कई व्यापारी कारोबार समेट चुके होंगे।

साल 2021 में भी पिछले साल की तरह कोरोना ने पूरे देश में ऐसे वक्त में दस्तक दी जब गेहूं की फसल कटने वाली थी और इसी के साथ सहालग की भी शुरुआत होनी थी। कारोबारी क्षेत्र में हर साल फरवरी की शुरुआत से ही पूरे साल के सबसे चमकदार रहने वाले इस सीजन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

कारोबारियों का कहना है सर्दी भर सिर्फ गर्म कपड़ों और कुछ हद तक इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स के उपकरणों के बाजार में बूम रहने के बाद यह सीजन सभी सेक्टरों के लिए होता है। लिहाजा सभी कारोबारी पहले से अपने स्टाक फुल कर लेते हैं। इस लिहाजा से देखा जाए तो यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि जिले भर के कारोबारियों ने इस सीजन की मांग पूरी करने के लिए कितने अरब के सामान का स्टाक कर रखा है।

कोरोना की दहशत के बीच लॉकडाउन होने के बाद यह सारा स्टाक भी जहां के तहां डंप हो गया है। 23 दिन के लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान कपड़ा कारोबार को होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। नुकसान झेलने वाले कारोबारों में दूसरा नंबर सराफा कारोबार का है।

कोरोना में निपटा कारोबार

बाजार                              दुकानें                               अनुमानित कारोबार
रेडिमेड कपड़ा                   3000                                      150
कपड़ा                              500                                         400
इलेक्ट्रानिक                       120                                          40
कंप्यूटर-मोबाइल                1000                                        10
होटल-रेस्त्रां                       250                                          120
घरेलू उपकरण                   400                                           25
बारात घर                         250                                            550
सराफा                             650                                           700
करोड़ रुपये/प्रतिदिन

मोबाइल सेक्टर तो चीन में कोरोना फैलने से ही प्रभावित हो गया था। अब लॉकडाउन होने के बाद पूरा बाजार और चौपट हो गया है। करोड़ों का रोज कारोबार करने वाले बाजार में इस वक्त पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है। – संदीप मेहरा, मोबाइल कारोबारी

लॉकडाउन ऐसे मौके पर हुआ जब सहालग के सीजन में बाजार में लोगों की भारी भीड़ होती है। 23 दिन के लाकडाउन से कारोबार को कई करोड़ का नुकसान हो चुका है। गारमेंट्स सेक्टर में करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। – नरेंद्र गुप्ता पप्पू, गारमेंट व्यापारी

होली के बाद होटल कारोबार का खासतौर पर सीजन होता था। सहालग से पहले ही तमाम लोगों ने होटलों में बुकिंग करा दी थी। होटल भी आयोजनों की तैयारी में जुटे हुए थे लेकिन ऐसी आपदा आई सब कुछ धरा रह गया। – सतीश अग्रवाल, होटल एसोसिएशन

शादी-ब्याह के लिए घरेलू इलेक्ट्रानिक उपकरणों की सबसे ज्यादा खरीदारी होती है। सामान्य दिनों में भी इसका कारोबार चलता रहता है। सीजन में बाजार बंद होने से अब तक कई करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। – हरीश अरोरा, इलेक्ट्रानिक विक्रेता एसोसिएशन

धान जैसी कई फसलों की बुवाई का समय है। सरकार ने भले ही छूट दे रखी हो लेकिन खाद और कीटनाशक दवाएं लॉकडाउन होने से किसानों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। खेतों में फसल बर्बाद हो रही हैं और शहर में कारोबारी। – आदेश प्रताप सिंह , खाद कारोबारी

सहालग से पहले ही लोगों ने बरातघर बुक करा दिए थे। लॉकडाउन लागू होने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हो चुका है। पिछला सीजन भी कोरोना के चलते लगे लाकडाउन की वजह से कुछ इसी तरह निकल गया था। -गोपेश अग्रवाल, बैंक्वेट हाल एसोसिएशन

सहालग से सराफा बाजार सीधे जुड़ा हुआ है। हालांकि पूरे साल सर्राफा सामान की खरीदारी होती है। एक महीने से अधिक समय से सब कुछ ठप पड़ा हुआ है। अब तक करोड़ों का कारोबार चौपट हो चुका है। – संदीप अग्रवाल मिंटू, अध्यक्ष सर्राफा एसोसिएशन

23 दिन में दो हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। अब संक्रमण दर और मृत्यु दर कम हो गई है। बाजारों को 4 घंटे सुबह खोले जाने की छूट देनी चाहिए क्योंकि व्यापारियों पर बिजली, दुकान आदि के बिल का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। – रामकृष्ण शुक्ला, व्यापारी नेता

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