इन भाषाओं के हैं जानकार तो हो जाएं तैयार, आरबीआई शुरू करने जा रहा है मल्टीमीडिया जन-जागरूकता अभियान

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने नियमों के बारे में सर्व-सामान्य को उनकी अपनी भाषा में जागरूक करने का अभियान तेज करने के लिए ऐसी कंपनी की तलाश कर रहा है, जो 14 भाषाओं में उसके लिए मल्टीमीडिया (विभिन्न माध्यमों लायक) प्रचार सामग्री तैयार कर सके। आरबीआई का यह अभियान अंग्रेजी के अलावा हिंदी, असमिया, बांग्ला, …

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने नियमों के बारे में सर्व-सामान्य को उनकी अपनी भाषा में जागरूक करने का अभियान तेज करने के लिए ऐसी कंपनी की तलाश कर रहा है, जो 14 भाषाओं में उसके लिए मल्टीमीडिया (विभिन्न माध्यमों लायक) प्रचार सामग्री तैयार कर सके। आरबीआई का यह अभियान अंग्रेजी के अलावा हिंदी, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में चलाया जाएगा।

आरबीआई के एक दस्तावेज के अनुसार इस अभियान में जन संचार के परम्परागत और नए, हर प्रकार के माध्यम का उपयोग किया जाएगा। इसमें समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन चैनलों और सिनेमा हॉल के अलावा अभियान में डिजिटल मीडिया, वेब पोर्टल और सोशल मीडिया को भी शामिल किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने जागरूकता अभियान की रचनात्मक रुप-रेखा तैयार करने के लिए विज्ञापन एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए है।

आरबीआई के अनुसार जन जागरूकता अभियान पूर्ण मल्टीमीडिया, बहुभाषी, अखिल भारतीय स्तर के होंगे। जिनका उद्देश्य देशभर में लोगों को आरबीआई के नियमों और अन्य पहलों के बारे में सामान्य जागरूकता पैदा करना है। केंद्रीय बैंक ‘आरबीआई कहता है’ नाम से एक मीडिया अभियान भी चलाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को उसके विनियमों के बारे में जानकारी देना और बैंकों में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाना है।

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