बरेली: संगीत की धुन ऐसी, अपने शहर में ही खोल दिया स्टूडियो

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बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा में फिल्म सिटी बनाने की कवायद में जुटी है तो दूसरी तरफ दिल्ली और मुंबई में रहकर फिल्म उद्योग में काम करने वाले पेशेवर अपने गृह नगरों की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जयसीन मंडल, जो पिछले 9 साल से साउंड इंजीनियरिंग के …

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा में फिल्म सिटी बनाने की कवायद में जुटी है तो दूसरी तरफ दिल्ली और मुंबई में रहकर फिल्म उद्योग में काम करने वाले पेशेवर अपने गृह नगरों की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जयसीन मंडल, जो पिछले 9 साल से साउंड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं।

कर्मचारी नगर निवासी जयसीन मंडल ने शहर के पहले पेशेवर ध्वनिक स्टूडियो बनाया। 23 वर्षीय जयसीन बताते हैं कि महज 14 साल की उम्र में ही उन्हें संगीत से प्रेम हो गया था। मुंबई में रहकर पढ़ाई के साथ साउंड का काम सीखा। दिल्ली से साउंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और फिर कई साल तक मशहूर पंजाबी म्यूजिक डायरेक्टर हिमांशु चावला के सहयोगी बनकर साउंड इंजीनियरिंग के गुर सीखते रहे।

दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में तो साउंड इंजीनियरों और स्टूडियो की भरमार है लेकिन वह बताते हैं कि अपने शहर बरेली में रहकर कुछ करने का मन था। लिहाजा कर्मचारी नगर में माफियाज नाम से बरेली का पहला ध्वनिक स्टूडियो तैयार किया। स्टूडियो बनाने के बाद चुनौती होती है किसी छोटे शहर में काम की। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई मगर अब मुंबई से लेकर दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों से चलकर काम उनके पास आता है।

स्टूडियो में गाना रिकॉर्डिंग के दौरान जयसीन मंडल और डबिंग आर्टिस्ट सादिक खान

जिसकी बड़ी वजह कम पैसे में अच्छा काम। उन्हें गड्डी सांग के लिए मुंबई में बेस्ट मिक्सिंग मास्टर आइरा अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने बारिश जैसे बेहतरीन सांग रिकॉर्ड किए। पॉकेट फिल्म के पैनर तले बनी शॉर्ट फिल्म की डबिंग भी की। उनका रिकॉर्ड और मिक्स किया गया गाना सुनने के बाद कई बार तो लोगों को यकीन नहीं होता कि इसे बरेली में तैयार किया गया है। जयसीन बताते हैं कि उनके स्टूडियो में बड़े पर्दे पर चलने वाली फिल्मों की डबिंग भी की जा सकती है।

वह नए कलाकारों को निखारने का काम भी करते हैं जिसमें बरेली के तुषार श्रीवास्तव, अवनीत कौर, मोहित जोशी, हरप्रीत कौर जैसे नाम शामिल हैं। इन सिंगरों को शुरुआती दिनों में उन्होंने ही लांच किया और आज मुंबई में यह सिंगर अच्छा नाम कमा रहे हैं। जयसीन मंडल बताते हैं कि बरेली में पहला ध्वनिक स्टूडियो खोलने में रिस्क जरूर था लेकिन किसी को तो शुरुआत करनी थी। अब उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी अगर बन जाती है तो क्षेत्रीय कलाकारों और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा।

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