दिल्ली: ये शेल्टर होम है या जेल- महिला एवं बाल विकास मंत्री

दिल्ली: ये शेल्टर होम है या जेल- महिला एवं बाल विकास मंत्री

नयी दिल्ली। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कमला नगर स्थित एक शेल्टर होम का सोमवार को औचक निरीक्षण किया और वहाँ की कमियों को दूर करने के निर्देश दिये। राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मानते हैं कि सरकारें …

नयी दिल्ली। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कमला नगर स्थित एक शेल्टर होम का सोमवार को औचक निरीक्षण किया और वहाँ की कमियों को दूर करने के निर्देश दिये।

राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मानते हैं कि सरकारें जनता के बीच ज़मीन पर रहकर चलाई जाती हैं बड़े दफ्तरों से नहीं। हमने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मिलकर कमला नगर के एक शेल्टर होम का निरीक्षण करने का फैसला किया। जब हम शेल्टर होम में पहुंचे तो हमने पाया की शेल्टर होम किसी जेल जैसा प्रतीत होता है। बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा के लिए भी सुविधाओं का अभाव है।

केजरीवाल सरकार हर बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा और विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की किसी भी बच्चे का भविष्य सुविधाओं के अभाव में खराब नहीं होना चाहिए।” स्वाति मालीवाल ने कहा, “शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों को खास प्यार और स्नेह की आवश्यकता है। हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं की हर बच्चे का सही तरह से पुनर्वास हो सके। शेल्टर होम में हमें कई खामियां मिली और राजेंद्र पाल गौतम ने मामले में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

वहीं, “निरीक्षण के दौरान पाया गया की शेल्टर होम में क्षमता से अधिक संख्या में बच्चियां रह रही हैं। टीम ने पाया की होम में 78 लड़कियां रह रही हैं। शेल्टर के कमरे बेहद छोटे थे और कमरों में वेंटिलेशन की कोई सुविधा नहीं थी। शेल्टर होम चारों तरफ से बंद है और पहली नज़र में ये होम किसी जेल जैसा प्रतीत होता है।

राजेंद्र पाल गौतम और स्वाति मालीवाल ने शेल्टर में खाना चखा और पाया कि हालांकि भोजन ठीक है लेकिन किचन में बहुत गंदगी थी। खाना बना रहे कुक्स ने न तो मास्क पहने थे न ग्लव्स। ये भी देखा गया की लड़कियों के शेल्टर में खाना बनाने आने वाले कुक पुरुष थे। बच्चियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंत्री ने शेल्टर होम को तुरन्त महिला कुक रखने के निर्देश दिए।

भीषण गर्मी के समय में भी दिन के वक़्त शेल्टर के कूलर नहीं चलाये जाते और बच्चों को गरमी में रहना पड़ता है। बच्चियों के कमरे साफ नहीं थे क्योंकि कमरों की सफाई के लिए कोई अतिरिक्त स्टाफ नहीं था और बच्चों को खुद ही अपना कमरा साफ करना पड़ता है।

राजेंद्र पाल गौतम शेल्टर होम की हालत देखकर बेहद चिंतित हुए और उन्होंने अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि शेल्टर में बच्चों को साफ सुथरा और अच्छा पर्यावरण मिले एवं बच्चों की पढ़ाई और मनोरंजन को लेकर भी कदम उठाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए हैं।

 

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