मुरादाबाद: मायके की दखलंदाजी से बेटियों के रिश्तों में बढ़ रही दरार, टूट रहे घरौंदे
मुरादाबाद,अमृत विचार। शादी के बाद मायके वालों की दखलंदाजी से कई बेटियों के घर बसने के बजाय बर्बाद हो रहे हैं। हर छोटी-छोटी बातों को लेकर मायके वालों की दखलंदाजी पतियों और उनके परिवार को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि मायके के दखल की वजह से पति-पत्नी के बीच न केवल …
मुरादाबाद,अमृत विचार। शादी के बाद मायके वालों की दखलंदाजी से कई बेटियों के घर बसने के बजाय बर्बाद हो रहे हैं। हर छोटी-छोटी बातों को लेकर मायके वालों की दखलंदाजी पतियों और उनके परिवार को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि मायके के दखल की वजह से पति-पत्नी के बीच न केवल मतभेद पैदा हो गए, बल्कि तलाक की भी नौबत आ गई है।
पिछले तीन माह में महिला थाने, महिला हेल्पडेस्क और नारी उत्थान केंद में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। क्योंकि बेटियों द्वारा मोबाइल फोन पर ससुराल की हर छोटी-बड़ी खबर मायके वालों को देना रिश्तों में दरार की वजह बन रही है। पारिवारिक बातों को साझा करने की वजह से उनका ससुराल वालों से आत्मीय रिश्ता बन ही नहीं पा राह है। मां के निर्देशों का पालन और सास के निर्देशों की अवहेलना बेटियों के घरौंदे टूटने का सबसे बड़ा कारण बन गई हैं।
केस-1
कटघर के पंडित नगला में रहने वाली आसमा का निकाह 15 जून 2021 को बिलारी कोतवाली क्षेत्र के गांव ढकिया नरू निवासी दिलबाग के साथ हुआ था। वह मां से लगातार फोन पर बात करती थी। ससुराल वालों ने उसे समझाया कि मायके वालों से इतनी बात करना ठीक नहीं है। लेकिन, उसने अनसुना कर दिया। नौबत तलाक तक जा पहुंची। पति ने तलाक देकर घर से निकाल दिया। इस पर आसमा ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया।
केस-2
मायके पक्ष की दखलंदाजी के सबसे ज्यादा मामले आते हैं। ऐसा ही एक मामला अगवानपुर निवासी रानी परवीन का था। उसका पति रेहान लकड़ी का कारोबार करता है। उसका निकाह मात्र तीन महीने पूर्व ही हुआ था। वह ससुराल की हर बात मायके वालों को बताती थी। इस वजह से दोनों परिवारों का रिश्ता खत्म हो गया।- निधि चौधरी, महिला थाना प्रभारी
उनके पास जितने भी मामले आते हैं। उनमें मायके वालों की दखलंदाजी ही होती है। बेटी मायके का मोह नहीं छोड़ पाती। मां के निर्देशों पर चलने वाली बेटियां ससुराल के माहौल में ढलने का प्रयास ही नहीं करतीं। इसके चलते घर टूटने की नौबत आ जाती है। इसके बाद लड़की ससुराल वालों के खिलाफ मोर्चा खोल देती है। –संदीपा चौधरी, प्रभारी, नारी उत्थान केंद्र
