बुजुर्गों के लिए पहल
जीवन की भागदौड़ में बुजुर्गों की उपेक्षा लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय समाज में एक मार्गदर्शक और पारिवारिक मुखिया होने के नाते जो सम्मान बुजुर्गों को मिलता था, उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है। बाजारवाद और उदारीकरण के बाद बदले हुए समाज में बुजुर्गों का सम्मान गिरा है। संयुक्त परिवार व्यवस्था का चरमराना बुजुर्गों …
जीवन की भागदौड़ में बुजुर्गों की उपेक्षा लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय समाज में एक मार्गदर्शक और पारिवारिक मुखिया होने के नाते जो सम्मान बुजुर्गों को मिलता था, उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है। बाजारवाद और उदारीकरण के बाद बदले हुए समाज में बुजुर्गों का सम्मान गिरा है। संयुक्त परिवार व्यवस्था का चरमराना बुजुर्गों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है। हालांकि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में बुजुर्गों की स्थिति उतनी खराब नहीं है। फिर भी तिरस्कार, वित्तीय परेशानी के अलावा बुजुर्गों को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भावनात्मक सहयोग, स्वास्थ्य सेवा एवं उपचार, कानूनी सहायता, वृद्धाश्रम की व्यवस्था, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार देश की बुजुर्ग आबादी 2050 तक लगभग 30 करोड़ होने की उम्मीद है। अच्छी बात है कि सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर एक हेल्प लाइन शुरू की है। इसे ‘एल्डर लाइन’ कहा जाएगा और यह वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली चुनौतियों और समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा।
कहा जा सकता है कि ‘एल्डर लाइन’ के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों या उनके शुभचिंतकों को देश भर में एक मंच मिलेगा। जिस पर वे अपनी चिंताओं को साझा कर सकते हैं और समस्याओं पर जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। कोरोना काल में बुजुर्गों की समस्याओं के दृष्टिगत एल्डर लाइन योजना शुरु करके उत्तर प्रदेश बुजुर्गों की सहायता करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। इस फ्री हेल्पलाइन से वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, दवा पहुंचाने, खाद्य वस्तुएं पहुंचाने, पारिवारिक झगड़ों की कानूनी सहायता, वृद्धाश्रम में रखने आदि समस्त प्रकार की मदद दी जा रही है।
साथ ही उन्हें शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, सामाजिक, मानसिक मजबूती एवं भावनात्मक सहयोग दिया जा रहा है। यह योजना वृद्धजनों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। अब यह हैल्पलाइन देश के अन्य राज्यों में भी शुरु की जा रही है। बुजुर्गों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए अभी और नई संरचनाएं बनाने की जरूरत होगी। याद रखना होगा कि बुजुर्ग परिवार और समाज के लिए काफी उपयोगी हैं। बुजुर्गों के अनुभव समाज की अमूल्य पूंजी है।
बुजुर्गों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने के लिए बुजुर्गों और आज की युवा पीढ़ी को एक साथ मिल कर और आपस में सहयोग बढ़ा कर करना होगा। साथ ही सरकार को बुजुर्गों को सम्मान व सुविधाएं दिलाने के लिए राष्ट्रीय वृद्ध जन नीति पर अमल कराते हुए सुनिश्चित करना होगा कि बुजुर्गों के अधिकारों का हनन नहीं हो।
