योगी की अयोध्या सीट से सम्भावित दावेदारी से मची खलबली, भाजपा से टिकट चाहने वालों को लगा धक्का

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अयोध्या। विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। 27 फरवरी को पांचवें चरण में अयोध्या की पांचों विधानसभा सीट पर चुनाव होना है। चुनावी मौसम के नजदीक आते ही अयोध्या के सर्द मौसम में भी गरमाहट दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की सम्भावना ने न सिर्फ विरोधी खेमे में …

अयोध्या। विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। 27 फरवरी को पांचवें चरण में अयोध्या की पांचों विधानसभा सीट पर चुनाव होना है। चुनावी मौसम के नजदीक आते ही अयोध्या के सर्द मौसम में भी गरमाहट दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की सम्भावना ने न सिर्फ विरोधी खेमे में खलबली पैदा कर दी है, बल्कि भाजपा के उन कैंडिडेट को भी जबरदस्त धक्का लगा है जो नगर विधानसभा की सीट से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे।

शनिवार को अयोध्या से सीएम योगी के चुनाव लड़ने की खबर जैसे ही अखबार व न्यूज चैनलों की सुर्खियां बनीं तो सर्द मौसम में भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सुबह से हो रही बरसात के बीच लोग घरों से निकले और चौक-चौराहों पर निकले और सिर्फ राजनीति की ही चर्चा करते नजर आए। चाय की दुकानों पर चुस्कियों के साथ योगी के अयोध्या से चुनाव की खबर को चटकारे लेकर पढ़ रहे लोग यही कहते दिख रहे थे कि इस बार तो अयोध्या में मुकाबला तगड़ा होगा।

चर्चाएं और आगे भी हुईं कि भइया अब उनका क्या होगा जो पहले से ही भाजपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। खबर है कि नगर सीट से भाजपा के लिए पांच से छह दावेवार मैदान में थे, जिसमें से तीन ऐसे नाम हैं जो स्थानीय स्तर लोगों के बीच में काफी चर्चित हैं, लेकिन योगी के मैदान में आ जाने के बाद किसी की भी दाल नहीं गलेगी।

…तो पवन का बढ़ेगा कद, बाकी में बेचैनी

अयोध्या विधानसभा सीट से योगी के चुनाव लड़ने की खबर सामने आने के बाद विरोधी खेमे में भी हलचलें बढ़ गई हैं। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन का सपा से ताल ठोंकना लगभग तय हैं। हालांकि योगी आदित्यनाथ को वह पहले ही चुनौती दे चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी के सामने अगर पवन पांडे चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी में उनका कद और बढ़ जाएगा। योगी के यहां से उतरने के बाद कांग्रेस, बसपा व आप नेताओं में भी बेचैनी बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।

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