मुरादाबाद : अब ट्रेन मैनेजर के नाम से जाने जाएंगे गार्ड
मुरादाबाद, अमृत विचार। रेलवे के गार्ड अब ट्रेन मैनेजर के नाम से पहचाने व जाने जाएंगे। अंग्रेजी जमाने में इन्हें गार्ड नाम मिला था। रेलवे बोर्ड ने गार्ड का नाम बदल कर ट्रेन मैनेजर कर दिया है। रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (पे-कमीशन) ने सभी जोनल मुख्यालय को इसका पत्र जारी किया है। कर्मचारी संगठनों …
मुरादाबाद, अमृत विचार। रेलवे के गार्ड अब ट्रेन मैनेजर के नाम से पहचाने व जाने जाएंगे। अंग्रेजी जमाने में इन्हें गार्ड नाम मिला था। रेलवे बोर्ड ने गार्ड का नाम बदल कर ट्रेन मैनेजर कर दिया है। रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (पे-कमीशन) ने सभी जोनल मुख्यालय को इसका पत्र जारी किया है।
कर्मचारी संगठनों ने बोर्ड के इस फैसले का स्वागत किया है। मुरादाबाद मंडल के परिपेक्ष्य में देखें तो यहां करीब 550 गार्ड हैं। ये असिस्टेंट गार्ड, गुड्स गार्ड, सीनियर गार्ड, पैसेंजर तथा मेल-एक्सप्रेस गार्ड की श्रेणी के हैं। संगठनों ने इनके नाम बदलने को लेकर रेलवे बोर्ड से गुहार लगाई थी। काफी सूय से वे इसको लेकर मांग कर रहे थ्े। पद नाम बदलने की यह मांग 13 जनवरी को स्वीकार कर ली गई है।
शुक्रवार को बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनके गुप्ता ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया। पत्र में गार्डों की पहचान परिवर्तित करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद से अब इन्हें ट्रेनमैन की पहचान दी जाएगी, जबकि इनकी वर्दी, सुरक्षा उपकरण पूर्वक रहेंगे। यानी रात में ये लेजर लाइट और दिन में सीटी और झंडी से ट्रेनों को संचालित करेंगे। पुराने जमाने में ये रात के समय बैटरी लाइन लेकर ड्यूटी करते थे। उसकी जगह अब लेजर लाइट ने ले ली है। इससे इस पद से जुड़े लोगों में खुशी का माहौल है।
इसके अलावा वॉकी-टाकी पर लोको पायलट से पूर्ववत संपर्क रखेंगे। नरमू के सहायक मंडल मंत्री कुंवर सुहेल खालिद कहते हैं कि यह एक तरीके से अंग्रेजी पहचान मिटी है। हम अब गार्ड की जगह ट्रेन मैनेजर के नाम से जाने-पहचाने जाएंगे, क्योंकि सेवा और जीवन में नाम का अपना मतलब होता है।
विभागीय कर्मचारी अब नए नाम से जाने जाएंगे। संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने इस मुद्दे पर रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा था। बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठकों में यह सुझाव दिया था। रेलवे बोर्ड ने इसका पत्र जारी कर दिया है।-राजेश चौबे, मंडल मंत्री नरमू
