मुरादाबाद: रसोई से दूर हो रहीं महंगी सब्जियां

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मुरादाबाद, अमृत विचार। बढ़ती महंगाई ने जहां आम आदमी की कमर तोड़ दी है, वहीं बदलते मौसम में सब्जियों की कीमत भी आसमान छू रही हैं। खेत से रसोई तक पहुंचने में इनके दाम तीन गुना हो रहे हैं। मंडी में किसानों से आढ़ती कम दामों में सब्जी खरीदकर फुटकर विक्रेताओं को बेचते हैं। फुटकर …

मुरादाबाद, अमृत विचार। बढ़ती महंगाई ने जहां आम आदमी की कमर तोड़ दी है, वहीं बदलते मौसम में सब्जियों की कीमत भी आसमान छू रही हैं। खेत से रसोई तक पहुंचने में इनके दाम तीन गुना हो रहे हैं। मंडी में किसानों से आढ़ती कम दामों में सब्जी खरीदकर फुटकर विक्रेताओं को बेचते हैं। फुटकर विक्रेता मोटे मुनाफे के लिए बाजारों में सब्जियों को अपने मन मुताबिक दामों पर बेच रहे हैं।

मंडी में किसानों से खीरा 10-12 रुपये प्रति किलो खरीदकर फुटकर में 15-16 रुपये किलो बेचा जा रहा है। जबकि बाजार में इस समय खीरे के दाम 40 रुपये प्रति किलो हैं। किसान से टमाटर 250 रुपये प्रति क्रेट (20 किलो) में खरीद कर मंडी में 350 रुपये बेची जा रही है। जबकि फुटकर में टमाटर की कीमत 40 रुपये प्रति किलो है।

आलू किसान से 1700 रुपये प्रति क्विंटल खरीद कर फुटकर में इतने में ही बेचा जाता है, लेकिन इसमें आढ़ती फुटकर विक्रेता से कमीशन लेता है। इसके बाद फुटकर विक्रेता आलू को बाजार में मन मुताबिक दामों पर बेचता है। बाजार में आलू की कीमत 30 रुपये प्रति किलो है। इसी तरह दूसरी सब्जियों में भी बाजार तक के दामों में अंतर देखने मिल रहा है। इन्हीं सब्जियों के दाम थाली तक पहुंचते -पहुंचते तीन गुना से भी ज्यादा हो जाते हैं।

बोले किसान
किसान राम सिंह, विनीत सैनी, रामप्रकाश सैनी ने बताया कि सब्जी को पालने में पूरी मेहनत लगा देते हैं। तीन से चार महीने फसल को जीतोड़ मेहनत से तैयार करते हैं। यही सब्जियां जब मंडी में बेचते हैं तो आढ़ती और फुटकर वाले घर बैठे हमसे ज्यादा मुनाफा कमाते हैं।

पॉश कालोनियों में आसमान छू रहे दाम
पॉश कॉलोनियों में सब्जियों के दाम आसमान छूे रहे हैं। बाजार में जिस सब्जी की कीमत 40 रुपये प्रति किलो है। यहां उसकी कीमत 50-60 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है। बाजार में तुरई 40 रुपये प्रति किलो है। जबकि यहां इसकी कीमत 50-60 रुपये प्रति किलो है। ऐसे ही दूसरी सब्जियों के दामों में अंतर देखने को मिल रहा है।

किसानों ने जिन दामों पर सब्जी खरीदी जाती है। उन्ही दामों पर फुटकर में बेची जाती है। मंडी में फुटकर विकेताओं से कमीशन लिया जाता है। – मलखान सिंह, मंडी सचिव

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