लखीमपुर-खीरी: दो वर्ष बाद लगेगा भूतनाथ का मेला, उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब
गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार। भोले बाबा की नगरी छोटी काशी में गोकर्णनाथ चंद्रभाल शिवालय के अलावा एक और दर्शनीय सिद्ध स्थल भूतनाथ नाम से प्रसिद्ध है। यहां अनोखा जुड़वां मंदिर और कुआं है। सावन की नाग पंचमी के बाद सोमवार को मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावनाएं हैं। पुलिस प्रशासन ने …
गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार। भोले बाबा की नगरी छोटी काशी में गोकर्णनाथ चंद्रभाल शिवालय के अलावा एक और दर्शनीय सिद्ध स्थल भूतनाथ नाम से प्रसिद्ध है। यहां अनोखा जुड़वां मंदिर और कुआं है। सावन की नाग पंचमी के बाद सोमवार को मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावनाएं हैं। पुलिस प्रशासन ने व्यापक बंदोबस्त किए हैं। गोला गोकर्णनाथ पर शोध प्रबंध लिख रहे साहित्यकार लोकेश कुमार गुप्त ने बताया कि सरस्वती तट पर शैव संप्रदाय के संत बाबा भूतनाथ का आश्रम था।
बाबा जी सर्प विद्या के अद्भुत जानकार और विद्वान थे। उनके आश्रम में ही विभिन्न प्रजातियों के नाग, सर्प विचरण करते थे। महाभारत काल में महाराजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय द्वारा देवकली तीर्थ पर करवाए गए नाग यज्ञ में बाबा जी ने अपनी सर्प विद्या के प्रभाव का प्रदर्शन किया था। बाबा जी के आश्रम में नाग पंचमी को मेला लगता था, जिसमें हजारों की भीड़ इकट्ठी होती थी। बाबाजी के स्वर्गारोहण के बाद मेला नाग पंचमी के बाद होने वाले सोमवार को शुरू हो गया जो विशाल रूप ले चुका है।
खीरी गजेटियर में अतीत में इस मेले में पांच लाख श्रद्धालुओं के आगमन का विवरण प्राप्त होता है। शिव जी के अनन्य भक्त बाबा भूतनाथ की कुटिया में स्थापित शिवलिंग उन्हीं के नाम से पूजा जाता है। शिव का जुड़वा मंदिर देश में कहीं देखने को नहीं मिलता है। समीप ही स्थापित है बाबाजी का कुआं जो अब मिट्टी और पत्तों से बंद हो चुका है। वैसे यहां की एक किंवदंती और है कि लंकापति राजा रावण की आराधना से प्रसन्न होकर शिव जी रावण की कावड़ में बैठकर लंका के लिए चलने से पूर्व शिवजी ने शर्त लगा दी।
शिव जी ने कहा कि यदि किसी स्थान पर रख दिया तो वह वहीं स्थापित हो जाएंगे। यह स्थान आने पर शिवजी की माया से रावण को लघुशंका महसूस हुई तो चरवाहे को कांवड पकड़ा कर रावण नित्य कर्म से निवृत होने चला गया। शिवजी को छोटी काशी रमणीक स्थान लगा और वह अपना भार बढ़ाकर यहां स्थापित हो गए। वापस आने पर शिव को स्थापित देखकर रावण ने चरवाहे का पीछा किया तो वह कुएं में कूद गया। यही स्थान भूतनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यद्यपि यह कथा स्कंद पुराण में वर्णित दक्षिण गोकर्ण की है जो यहां भी कही जाती है।
मेले में आए भक्त मंदिर व कुएं में गिटकी फेंककर हू हू की आवाजें बोलते हैं और पतावर में मनोकामना लेकर गांठ बांधते हैं। जिन श्रद्धालुओं की कामनाएं पूरी होती है वह गांठ खोलते हैं और दान पुण्य करते हैं। मेले में लकड़ी का फर्नीचर, पसाई के चावल, चिलम, हुक्का, कृषि यंत्रों, धनुष बाण का विक्रय होता है। भीड़ इतनी होती है कि इस स्थल के सामने पूरे दिन अस्थाई रेलवे स्टेशन बन जाता है और सभी आने जाने वाली साधारण और एक्सप्रेस ट्रेनें यहां रुकने के बाद ही आगे बढ़ती हैं।
भूतनाथ मंदिर में इस दिन है पूजा का विशेष महत्व
गोला गोकर्णनाथ। किदवंतियों के अनुसार भगवान शिव के यहां स्थापित हो जाने पर जब चरवाहे ने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी, तो भोलेनाथ ने उसे वरदान दिया कि नागपंचमी के बाद पड़ने वाले सोमवार को भूतनाथ की पूजा होगी। इसी मान्यता को लेकर शिव भक्त, कांवड़िए शिव मंदिर भले न जा पाएं लेकिन भूतनाथ मंदिर पर पूजा, अर्चना, जलाभिषेक जरूर करते हैं।
पुलिस ने नियुक्त किया वालंटियर
गोला गोकर्णनाथ। सावन के अंतिम सोमवार को भूतनाथ मेला होने के कारण कोतवाली में एएसपी अरुण कुमार सिंह की मौजूदगी में हुई वालंटियर्स की बैठक में मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि भूतनाथ मेले में पांच लाख से अधिक श्रद्घालुओं के आने की उम्मीद है। सीओ राजेश कुमार, कोतवाल विवेक कुमार उपाध्याय ने वालंटियर को भीड़ नियंत्रित करने के टिप्स दिए। उन्हें ड्यूटी प्वाइंट और श्रद्घालुओं से विनम्रता से पेश आने की ताकीद की। कोतवाल ने बताया कि भूतनाथ मेले के लिए वालंटियर्स और एनसीसी कैडेट्स 500 लगाए गए हैं।
ई रिक्शा, चौपहिया वाहन पर रविवार सुबह से रहेगी रोक
गोला गोकर्णनाथ। कोतवाली निरीक्षक विवेक कुमार उपाध्याय ने बताया कि भूतनाथ मेले के लिए रविवार से ही शिव भक्तों का आना जाना शुरू हो जाएगा। नगर के सभी मार्गों की बेरीकेटिंग करा दी गई है। नगर के अंदर रविवार की सुबह नौ बजे से सोमवार की शाम सात बजे तक ई रिक्शा और चौपहिया वाहनों का प्रवेेश प्रतिबंधित रहेगा।
भूतनाथ मेले में लगाया गया अतिरिक्त फोर्स
गोला गोकर्णनाथ। अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक सोमवार को लगे फोर्स के अलावा भूतनाथ मेले में चार अतिरिक्त सीओ, 14 प्रभारी निरीक्षक, 30 महिला कांस्टेबिल, 150 पुरुष कांस्टेबिल अतिरिक्त लगाए गए हैं।
रूट रहेगा डायवर्ट
गोला गोकर्णनाथ। कोतवाल विवेक कुमार उपाध्याय ने बताया कि भूतनाथ वाले दिन लखीमपुर से शाहजहांपुर, खुटार जाने वाले वाहन रिलायंस पेट्रोल पंप मोहम्मदी बाईपास से होकर गुजरेंगे। अलीगंज से गोला आने वाले वाहन कृषि उत्पादन मंडी समिति में ही रोक लिए जाएंगे। लखीमपुर रोड पर पशु बाजार, अलीगंज रोड पर मंडी समिति के अंदर, रोडवेज पार्किंग मोहम्मदी रोड पर सत्यप्रकाश अग्रवाल के राइस मिल के अंदर, खुटार रोड के वाहन बाईपास मार्ग पर, मोहम्मदी रोड के वाहन कंजा के पास और बांकेगंज, खुटार रोड के वाहनों के लिए मिल यार्ड में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
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